मराठा आरक्षण आंदोलन : महाराष्ट्र बंद के दौरान हिंसा
मुंबई, 9 अगस्त (आईएएनएस)| विभिन्न संगठनों द्वारा शांति की अपील करने के बावजूद, मराठाओं द्वारा गुरुवार को आयोजित महाराष्ट्र बंद के दौरान राज्य के कई हिस्सों में हिंसा हुई। शाम को बंद समाप्त होने से पहले आगजनी और सड़क बाधित करने की घटनाएं सामने आईं और प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प भी हुई। सुबह बंद की शुरुआत शांतिपूर्ण तरीके से हुई, लेकिन कुछ ही घंटे बाद हिंसा की कई सूचनाएं, विशेषकर पुणे से मिलने लगीं। राज्य के अलग-अलग हिस्सों में कई वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया।
मराठा क्रांति मोर्चा और सकाला मराठा समाज ने मराठा सुमदाय को नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण देने की मांग को लेकर हिंसा मुक्त बंद सुनिश्चित करने के लिए अपने समर्थकों के लिए ‘आचार संहिता’ जारी की थी, लेकिन यह कागजों पर ही रह गई।
मुंबई, थाणे और नवी मुंबई में केवल सांकेतिक प्रदर्शन देखे गए। उपनगरीय ट्रेन सेवा सामान्य रही और यातायात भी सुचारू रहा।
नागपुर, पुणे और नांदेड़ में ट्रेन सेवा बाधित करने की कोशिश की गई। उमरी रेलवे स्टेशन पर हमला किया गया और वहां तोड़-फोड़ करने की कोशिश की गई, जिस वजह से लंबी दूरी की कई ट्रेनों को रद्द करना पड़ा या यह देरी से चलीं।
महाराष्ट्र राज्य परिवहन निगम ने राज्य के अधिकतर जगहों पर प्रदर्शनकारियों के निशाने से बचने के लिए अपनी सेवा स्थगित कर दी थी, जिस वजह से ग्रामीण इलाके के यात्रियों को भारी मुश्किलो का सामना करना पड़ा।
मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे, मुंबई-गोवा राजमार्ग, मुंबई नासिक राजमार्ग को अवरुद्ध किया गया।
पुणे के बारामाती में प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार के घर के सामने धरना दिया। लातूर में कांग्रेस नेता त्रियांबक भिसे के वाहन पर पथराव किया गया और उनके साथ बदसलूकी की गई।
नवी मुंबई, पुणे, कोल्हापुर, सांगली, औरंगाबाद, उसमानाबाद, यवतमाल और अहमदनगर में एहतियाती तौर पर इंटरनेट सेवा को स्थगित कर दिया गया था।
लातूर, शोलापुर, जालना, हिंगोली, अहमदनगर में सड़कों पर टायर जलाया गया। कोल्हापुर, पालघर और कई अन्य जगहों पर सड़का को बाधित किया गया। पुणे, अहमदनगर, वाशिम, धुले, बुलधाना, नांदेड़, अकोला, प्रभनी में पूरी तरह से बंद का असर रहा।
मुंबई में शिवसेना के विधायक प्रकाश अंबितकर ने महाराष्ट्र विधानसभा की इमारत में प्रवेश करने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षाबलों ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया, जिसके बाद वह गेट पर ही धरने पर बैठ गए।
स्कूल और कॉलेजों को बंद से मुक्त रखा गया था, लेकिन कई जगहों पर छात्र व शिक्षक प्रदर्शन की वजह से स्कूल व कॉलेज नहीं पहुंच पाए।
बंद की समाप्ति शाम पांच बजे हुई, कुछ जगहों पर राष्ट्रीय गीत गाकर।