बंद होंगे गैर-पंजीकृत आश्रय गृह : महिला एवं बाल विकास मंत्रालय
केंद्रों के बंद होने की स्थिति में लड़कियों को बेहतर व पंजीकृत केंद्रों में स्थानांतरित किया जाएगा
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने देश भर के बाल देखभाल संस्थानों (सीसीआई) और आश्रय गृहों को दो महीने के भीतर सरकार के साथ पंजीकरण कराने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही इस बीच इनका सामाजिक ऑडिट भी हो जाना चाहिए।
मंत्रालय के एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि जो संस्थान दो महीने के भीतर पंजीकरण नहीं कराते हैं, उन्हें बंद किया जाएगा और लड़कियों को बेहतर व पंजीकृत केंद्रों में स्थानांतरित किया जाएगा। मंत्रालय ने पहले ही गैरपंजीकृत केंद्रों को बंद करना शुरू कर दिया है।
मंत्रालय ने यह भी कहा कि देश भर के नौ हजार से ज्यादा सीसीआई को 60 दिनों के भीतर सामाजिक ऑडिट कराने के लिए नोटिस जारी कर दिया गया है। यह सामाजिक ऑडिट राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) द्वारा किया जाएगा।
अधिकारी ने कहा, नए पारूप में हालात का पूरा आंकलना किया जाएगा, इसमें बच्चे कैसे रह रहे हैं, यह भी शामिल है। इसमें केवल बुनियादी सुविधाओं पर ही नहीं गौर किया जाएगा। महिला व बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने पिछले सप्ताह राज्य और जिला स्तर पर बाल कल्याण समितियों (सीडब्ल्यूसी) की स्थापना करने के लिए कहा था, ताकि सीसीआई और आश्रय गृहों की नियमित निगरानी की जा सके।
मंत्री ने यह भी कहा था कि जिला मजिस्ट्रेट और जिला कलेक्टरों को जिला स्तर पर लागू ऐसे कार्यक्रमों की निगरानी की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।