IANS

समर्पित माल ढुलाई गलियारे पर पहला परीक्षण 15 अगस्त से

नई दिल्ली, 8 अगस्त (आईएएनएस)| समर्पित माल ढुलाई गलियारा (डीएफसी) परियोजना की पश्चिमी शाखा के सीमित खंडों पर आखिरकार 15 अगस्त से पहला परीक्षण शुरू होने जा रहा है। इस परियोजना पर शुरुआत से ही मंद गति से काम चलता रहा है।

पश्चिमी समर्पित माल ढुलाई गलियारे पर हरियाणा के अटेली से लेकर राजस्थान के फुलेरा के बीच 192 किलोमीटर के दायरे में स्वतंत्रता दिवस पर मालगाड़ी चलाई जाएगी। हालांकि परीक्षण के दौरान मालगाड़ी में डीजल चालित रेल इंजन लगा होगा, जबकि पूर्वी और पश्चिमी दोनों गलियारे को पूरी तरह से विद्युतीकृत किया गया है।

रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, डीजल इंजन का उपयोग सिर्फ परीक्षण के मकसद से किया जाएगा, क्योंकि पटरी पर विद्युतीकरण का कार्य चल रहा है।

अधिकारी इस बात से आशान्वित हैं कि गलियारे पर मार्च 2020 से परिचालन शुरू होने से पहले विद्युतीकरण का कार्य पूरा हो जाएगा।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2006 में 81,400 करोड़ रुपये की इस परियोजना को मंजूरी प्रदान की थी। उसके बाद प्रक्रिया संबंधी बखेड़ा से लेकर जमीन अधिग्रहण, पर्यावरण मंजूरी व अन्य कई कारणों से इसमें विलंब होता गया और इसके पूरा होने के लिए निर्धारित समय-सीमा को कई बार बदला गया।

पश्चिमी डीएफसी में नवी मुंबई के पास स्थित जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट से लेकर उत्तर प्रदेश स्थित दादरी तक की रेलवे लाइन बिछाई गई है, जो बड़ोदरा, अहमदाबाद, पालनपुर, फुलेरा और रेवाड़ी से होकर गुजरती है। वहीं पूर्वी डीएफसी में 1,856 किलोमीटर रेल लाइन बिछाई गई है, जो पंजाब के लुधियाना को पश्चिम बंगाल के कोलकाता के पास स्थित दाकुनी से जोड़ती है। यह गलियारा हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड से गुजरता है।

अटेली-फुलेरा गलियारे में 10 मार्ग सेतु व बड़े सेतु, 127 छोटे पुल, एक रेल ओवरब्रिज और 118 रोड अंडर ब्रिज हैं।

उम्मीद की जाती है कि समर्पित माल ढुलाई गलियारे के पूरा होने पर भारतीय अर्थव्यवस्था का भविष्य वैभवपूर्ण हो जाएगा, क्योंकि देश के पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्रों में मालगाड़ियों का परिचालन बढ़ जाएगा।

इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर दिए जाने वाले भाषण में इस परियोजना में परीक्षण शुरू होने का जिक्र होगा, क्योंकि प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा अब इसकी प्रगति की निगरानी की जा रही है।

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