कुंभ मेले के आयोजन और उत्तराखंड के विकास पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत
धार्मिक मेलों और करोड़ों श्रद्धालुओं के आगमन के कारण अत्यधिक यातायात दबाव की रखेंगे बात
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत गुरूवार 09 अगस्त, 2018 को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात में वो पीएम से राज्य हित से जुड़ी कई विकास योजनाओं पर चर्चा करेंगे।
देहरादून में अक्टूबर महीने मे आयोजित होने वाले इन्वेस्टर मीट में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित होने के लिए आमंत्रण स्वीकार करने का भी मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री से फिर से अनुरोध करेंगे। मुख्यमंत्री रावत कई विकास योजनाओं के संचालन व क्रियान्वयन के लिए केंद्रीय सहायता प्रदान करने से सम्बंधित योजनावार विस्तृत विवरण भी प्रधानमंत्री के समक्ष रखेंगे।
मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष रखे जाने वाले राज्य हित से जुडे विषयों पर सम्बंधित विभागों के प्रमुखों के साथ आयोजित बैठक मे मुख्यमंत्री रावत ने व्यापक विचार विमर्श किया। मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री के समक्ष जिन विषयों पर चर्चा करेंगे उनमें हरिद्वार में आयोजित होने वाले कुम्भ मेले व पूरे वर्ष विभिन्न धार्मिक मेलों और करोड़ों श्रद्धालुओं के आगमन के कारण अत्यधिक यातायात दबाव और जाम की स्थिति से निजात पाने के लिए गंगा नदी पर कनखल से नीचे जगजीतपुर के निकट एक अतिरिक्त 2.50 किलोमीटर लंबा पुल बनाए जाने, नीलधारा में घाटों के निर्माण व सौन्दर्यीकरण, संपूर्ण भारतवर्ष व उत्तराखंड में पानी के संकट के दृष्टिगत एक नई सीएसएस बनाए जाने, राष्ट्रीय परियोजना घोषित किशाऊ बहुउद्देशीय परियोजना (600 मेगावाट), लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना (300 मेगावाट) को 90-10 के अनुमात में संचालित करने, बावला नंदप्रयाग जल विद्युत परियोजना (300 मेगावाट), नंदप्रयाग लंगासू जल विद्युत परियोजना(100 मे.वा.) के निर्माण, देहरादून की पेयजल समस्याओं के समाधान हेतु सौंग डैम पर बांध का निर्माण हेतू 1000 करोड़, हल्द्वानी में बहुउद्देशीय जमरानी बांध परियोजना हेतु लगभग रु 3000 करोड, वर्ष 2021 में होने वाले कुंभ के आयोजन हेतु स्थाई परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए आवश्यक धनराशि उपलब्ध कराने, हिमालयन राज्यों हेतु प्रख्यापित औद्योगिक नीति में ट्रांसपोर्ट सब्सिडी दिये जाने, नैनीताल स्थित एचएमटी की भूमि राज्य सरकार को वापस दिये जाने, मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हेतु बीएचईएल की जमीन की उपलब्धता, टनकपुर से पिथौरागढ़-बागेश्वर एवं रामनगर-चौखुटिया रेल मार्ग के साथ ही बागेश्वर-कर्णप्रयाग रेल मार्ग निर्माण के संबंध में मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री से अनुरोध करेंगे।
इसके साथ ही राज्य द्वारा राष्ट्र को प्रदान की जा रही ईको सिस्टम सर्विसेज (ESS) को राष्ट्रीय अंकेक्षण प्रणाली (नेशनल एकाउंटिंग सिस्टम) में सम्मिलित किये जाने, इस प्रणाली के अंतर्गत Green deficit States से धनराशि एकत्र कर एक नेशनल एक्सचेंज का सृजन किये जाने, हरित आच्छादन @ESS के अनुसार धनराशि का आवंटन किए जाने और जब तक यह प्रणाली सृजित नहीं होती तब तक उत्तराखंड को 2000 करोड़ रुपए प्रति वर्ष ग्रीन बोनस दिए जाने का भी अनुरोध प्रधानमंत्री से करेंगे।