IANS

राज्यसभा में सामान्य स्थिति लौटी

नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)| राज्यसभा में असम एनआरसी मुद्दे पर पिछला सप्ताह हंगामे की भेंट चढ़ जाने के बाद सोमवार को शून्यकाल और प्रश्नकाल के साथ ही सदन की कार्यवाही सुचारु रूप से चली। जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, सभापति एम. वेंकैया नायडू ने सदस्यों से सहयोग का आग्रह किया और कहा कि केवल चार कार्यदिवस बचा है और कुछ विधेयक समेत कार्यवाही लंबित पड़ी है।

उन्होंने कहा कि सदन की कार्यवाही के घंटे बढ़ाए जाएंगे।

समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद जावेद अली खान ने अल्पसंख्यक शिक्षा संस्थानों में खाली पड़ी सीटों का मुद्दा उठाया और सरकार से बिना भेदभाव के इसे भरने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शिक्षा संस्थान आयोग में न तो अध्यक्ष है और न ही सदस्य। पिछले चार वर्षो से आयोग निवृत्त है। सात हजार से अधिक अनुरोध लंबित पड़े हैं। उन्होंने केंद्र पर आरोप लगाया कि सरकार ‘सबका साथ सबका विकास’ नारा देती है, लेकिन उसे अल्पसंख्यकों की फिक्र नहीं है।

नायडू ने कहा कि सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।

तृणमूल कांग्रेस के मनीष गुप्ता ने एंटी-रेबीज टीकों की कमी का मुद्दा उठाया और सरकार से इसकी आपूर्ति को बेहतर बनाने का आग्रह किया।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अशोक वाजपेयी ने देश की बढ़ती आबादी पर चिंता व्यक्त की और केंद्र से इसपर नियंत्रण के लिए एक तरीका निकालने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा, यदि आप जनसंख्या को नियंत्रित नहीं करते तो विकास का कोई मतलब नहीं रहेगा।

कांग्रेस के हुसैन दलवाई ने मराठा आरक्षण आंदोलन का मुद्दा उठाया, जबकि संतियुस कुजूर ने असम में चाय बागान श्रमिकों की दुर्दशा की बात सदन में रखी।

तृणमूल के डेरेक ओ ब्रायन ने आधार हेल्पलाइन नंबर का मुद्दा उठाया, जिससे एंड्रॉयड फोन पर एक बड़ा विवाद हो रहा है।

उन्होंने कहा, यूआईडीएआई लगभग हर हफ्ते विवादों में है। अब गूगल ने कुछ कहा है। जब भी हम अपने आंकड़े कहीं देते हैं, हमें अलर्ट प्राप्त होता है। मेरी पत्नी अमेरिका में रहती है, उन्हें प्रधानमंत्री से ई-मेल प्राप्त हो रहे हैं। उन्हें कैसे उनकी आईडी मिली हमें नहीं पता।

उन्होंने कहा, कृपया हमारे आंकड़े की रक्षा करें, ताकि ‘बिग ब्रदर’ आपकी हर हरकत पर नजर नहीं रखें और आधार को अनिवार्य न बनाएं।

प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों ने रक्षा खरीद, दिल्ली के वायु प्रदूषण जैसे मुद्दों पर जवाब मांगे।

Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close