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जानिए क्यों इस महान क्रिकेटर को कहना पड़ा ‘टीम इंडिया दे रही खुद को धोखा’

पहले टेस्ट में मिली हार से इस भारतीय पूर्व कप्तान को कहनी पड़ी यह बात

भारतीय पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने टीम इंडिया को बर्मिघम टेस्ट मिली हार का कारण खुलकर उजागर किया है। उन्होंने कहा कि टीम इंडिया ने अभ्यास मैचों को गंभीरता से नहीं लिया। जिसकी वजह से उन्हें घूमती गेंदें पढ़ने में दिक्कत हुई और बल्लेबाजी में अपनी खराब तकनीक के चलते उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

गावस्कर इस बात से नाराज़ हैं कि टीम ने टेस्ट सीरीज़ से पहले सिर्फ आठ मैच खेले (इंग्लैंड के खिलाफ तीन वनडे और तीन टी-20 और आयरलैंड के खिलाफ दो टी-20), जिनसे उनकी पुख़्ता तैयारी नहीं हो पाई।

वनडे सीरीज में हार के बाद भारतीय टीम को पांच दिनों का आराम दिया गया था। इन पांच दिनों में खिलाड़ियों ने यूरोप में समय बिताया। तैयारियों को लेकर गावस्कर ने कहा कि टीम की किसी तरह की कोई तैयारी नहीं थी। आपको सीरीज के बाद हर किसी को आराम की जरूरत होती है, लेकिन ये ब्रेक पांच दिनों के बजाय सिर्फ तीन दिनों का होना चाहिए था। गावस्कर ने कम अभ्यास मैचों को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि भारत को कम से कम दो तीन दिवसीय मैच और एक उचित प्रथम श्रेणी मुकाबला खेलना चाहिए था। इसमें 18 खिलाड़ी नहीं, बल्कि 11 खिलाड़ी खेलने चाहिए थे। खिलाड़ियों को इस तरह से तैयारी करनी चाहिए थी जैसे उन्हें एक टेस्ट मैच में मौका दिया जा रहा है।

दक्षिण अफ्रीका में उन्होंने एक अभ्यास मैच रद कर दिया था और उन्हें शुरुआती दो टेस्ट में हार का सामना करना पड़ा था। गावस्कर ने आगे कहा कि टीम इंडिया ने खुद को धोखा दिया कि वह एक महीने से इंग्लैंड में हैं। उन्होंने सफेद गेंद से क्रिकेट खेली जहां बल्ले की गति लाल गेंद की अपेक्षा में अलग होती है। इसलिए किसी भी तरह की तैयारी नहीं हो पाई। कोहली 50 दिनों की छुट्टी ले सकते हैं और फिर वह अगले दिन आकर शतक बना सकते हैं। वह एक अपवाद प्रतिभा हैं और अगर वह छुट्टी लेते हैं तो कोई बात नहीं है। लेकिन, टीम प्रबंधन को यह समझना होगा कि दूसरों को अभ्यास की जरूरत है। जैसा कि वह अफगानिस्तान के खिलाफ टेस्ट में ना खेलकर काउंटी क्रिकेट खेलना चाहते थे। मुझे नहीं लगता कि यह एक अच्छा फैसला था।

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