IANS

गिल ने जीता एमआरएफ रैली ऑफ कोयम्बटूर

कोयम्बटूर, 5 अगस्त (आईएएनएस)| टीम महेंद्रा एडवेंचर के चालक गौरव गिल और उनके सह-चालक मुसा शरीफ ने रविवार को यहां एमआरएफ रैली ऑफ कोयम्बटूर जीत ली। एमआरएफ एफएमएससीआई नेशनल इंडियन रैली चैम्पियनशिप-2018 के इस चरण में गिल के अलावा उनकी टीम के साथी अमृताजीत घोष ने अपने सह-चालक के साथ दूसरा स्थान हासिल किया। देश के अग्रणी रैली चालक गिल और उनके सहचालक मूसा ने इस सप्ताहांत हुई हर स्टेज में जीत हासिल की। गिल ने एक घंटे 14.30 मिनट समय के साथ पांच स्पेशल स्टेज पूरा किया और अपने निकटतम प्रतिद्वंद्ी की तुलना में एक मिनट 1 सेकेंड आगे रहते हुए विजेता बनने का गौरव हासिल किया।

महेंद्रा एडवेंचर टीम के ही घोष ने अपने सह-चालक अश्विन नाइक के साथ शानदार खेल दिखाया और गिल को कड़ी चुनौती दी। घोष की चुनौती का यह आलम था कि लगभग सभी स्टेजेज में गिल उनके सिर्फ 10 या 15 सेकेंड आगे रह पाए।

रैली ऑफ कोयम्बटूर जीतने के बाद गिल ने कहा, मैं इस बात को लेकर खुश हूं कि महेंद्रा टीम ने पहला और दूसरा स्थान हासिल किया। मैं अपने प्रदर्शन से भी बेहद खुश हूं। मैं काफी तेजी से आगे बढ़ रहा था। हमारी टीम ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और इससे हमें पूरे सप्ताहांत आक्रामक ड्राइविंग करने का आजादी मिली।

लगभग 25 साल के बार रैलिंग में वापसी कर रहे एफएमएससीआई के अध्यक्ष अकबर इब्राहिम ने आईएनआरसी-1 कटेगरी में तीसरा स्थान हासिल किया। इब्राहिम ने साबित किया कि वह अपनी कला को अब तक नहीं भूले हैं।

2016 के आईएनआरसी चैम्पियन कर्णा कादूर ने अपने सह-चालक निखिल वी पाई के साथ आईएनआरसी-2 में पहला स्थान हासिल किया। अर्का मोटरस्पोर्ट्स के राहुल कांथराज और विवेक वाई भट्ट दूसरे स्थान पर रहे जबकि स्पैप रेसिंग के फाल्गुना उर्स और श्रीकांत गौड़ा ने तीसरा स्थान हासिल किया।

आईएनआरसी-3 के लीडरबोर्ड में कोई बदलाव नहीं देखने को मिला। फाल्कन मोटरस्पोर्ट्स के अरुर विक्रम राव ने अपने साथी चालक आनंद सौमाया के साथ पहला स्थान पाया जबकि टीम चैम्पियंस के सुहेम कबीर ने दूसरा स्थान पाया। इसी तरह चेतन शिवराम और उनके साथी चालक रुपेश कोले ने तीसरा स्थान पाया।

मौजूदा आईएनआरसी चैम्पियन डीन मास्कारेनहास पहला दिन दूसरा चरण पूरा नही कर सके थे और इस कारण वह छठे स्थान पर खिसक गए। वह हालांकि अपने कटेगरी में एएस5 और एसए6 जीतने में सफल रहे लेकिन इससे उनकी पोडियम पर वापसी करने की उम्मीदों को बल नहीं मिला।

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