जकार्ता से लौटकर कबड्डी टीमों को ट्रायल्स से गुजरना होगा : न्यायालय
नई दिल्ली, 2 अगस्त (आईएएनएस)| दिल्ली उच्च न्यायालय ने अर्जुन अवार्डी पूर्व कबड्डी खिलाड़ी होनप्पा गौड़ा और राजानाथम की याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए एशियाई खेलों में हिस्सा लेने जा रही भारत की कबड्डी टीमों को जकार्ता से आने के बाद ट्रायल से गुजरने के आदेश दिए हैं। होनप्पा और राजानाथम ने कबड्डी टीम के चयन में धांधली को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में याजिका दायर की थी। इनका आरोप है कि पुरुष एवं महिला टीमों में उन्हीं को जगह मिलती है जो मोटी रकम अदा करते हैं।
सर्वोच्च न्यायालय ने मामले को यह कहते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय भेज दिया था कि इस तरह केस दिल्ली उच्च न्यायालय में पहले से लंबित पड़े हैं।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए गुरुवार को कहा कि एशियाई खेलों में अब कम समय बाकी है, ऐसे में टीम में बदलाव मुमकिन नहीं है, लेकिन खेलों के बाद इस बात की तफ्तीश की जाएगी कि जो खिलाड़ी टीमों में चुने गए हैं वो टीम में जाने के हकदार थे या नहीं।
अदालत ने अपने आदेश में कहा, अभी समय नहीं है कि ट्रायल्स का आयोजन दोबारा किया जाए और नई टीम बनाकर वहां भेजी जाए।
अदालत ने कहा, एशियाई खेलों में जो टीम जा रही है वो टीम जब लौट कर आएगी तो उसके बाद उस टीम की ट्रायल्स कराई जाएगी, जिसकी वीडियोग्राफी होगी। इस वीडियोग्राफी को देखकर ही फैसला लिया जाएगा की चयन में धांधली हुई है या नहीं।
याचिकाकर्ताओं के वकील भारत नागर ने आईएएनएस को बताया कि अदालत ने कहा है कि इन ट्रायल्स का आयोजन भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) कराएगा और इस दौरान याचिकाकर्ताओं के अलावा अदालत द्वारा गठित की गई समिति भी मौजूद रहेगी।
इस समिति में अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी, साई के अधिकारी और भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) के अधिकारी होंगे, जिसकी अध्यक्षता एक न्यायाधीश करेंगे।
अदालत ने कहा है कि याचिकाकर्ता ट्रायल्स के बाद अपने सुझाव देंगे। मामले की अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को रखी गई है, जिसमें ट्रायल्स की वीडियोग्राफी देखी जाएगी।
नागर ने बताया कि याचिकाकर्ताओं ने 108 पुरुष और 108 महिलाओं के नाम दिए हैं, जिनके साथ चयन में धोखेबाजी हुई है। इन्हीं खिलाड़ियों से टीमों का चुनाव होगा जो एशियाई खेलों में जाने वाली टीमों के खिलाफ ट्रायल्स में उतरेंगी।