पादरी की गिरफ्तारी से नाराज अमेरिका ने तुर्की के 2 मंत्रियों पर प्रतिबंध लगाया
वाशिंगटन, 2 अगस्त (आईएएनएस)| अमेरिका के राजस्व विभाग ने अमेरिकी पादरी एंड्रयू ब्रनसन को जेल से रिहा नहीं किए जाने की प्रतिक्रिया में तुर्की के दो मंत्रियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। तुर्की ने इसे बिना किसी फायदे वाली आक्रामक कार्रवाई करार देते हुए कहा है कि इसका निश्चित ही जवाब दिया जाएगा।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव साराह सैंडर्स ने बुधवार को कहा, हमें ऐसा कोई सबूत नजर नहीं आया जिससे साबित हो कि पादरी ब्रनसन ने कुछ भी गलत किया है। उन्होंने पादरी की गिरफ्तारी को अनुचित और अन्यायपूर्ण बताया।
‘सीएनएन’ की रिपोर्ट के अनुसार, साराह सैंडर्स ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और तुर्की के राष्ट्रपति रिसेप तईप एर्दोगन ने जेल में बंद ब्रनसन के मामले पर ‘कई मौकों पर’ चर्चा की है। साराह ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति पादरी को रिहा नहीं करने के तुर्की के फैसले से खुश नहीं हैं।
अमेरिकी प्रतिबंध का सामना करने वालों में कानून मंत्री अब्दुलाहमित गुल और आंतरिक मामलों के मंत्री सुलेमान सोयालू शामिल हैं। अमेरिकी अधिकार क्षेत्र में आने वाली इनकी संपत्ति ब्लॉक कर दी जाएगी और अब अमेरिकी लोग इन मंत्रियों के साथ वित्तीय लेनदेन नहीं कर सकेंगे।
वित्त विभाग ने बुधवार को एक बयान में कहा, तुर्की सरकार के संगठनों के ये अधिकारी नेता के रूप में कार्य करते हैं जो तुर्की के गंभीर मानवाधिकारों के दुरुपयोग के लिए जिम्मेदार हैं और उन्हें कार्यकारी आदेश (ईओ) 13818 के अनुसार लक्षित किया जा रहा है जिसके तहत गंभीर मानवाधिकारों के दुरुपयोग या भ्रष्टाचार में शामिल व्यक्तियों की संपत्ति को प्रतिबंधित किया जाता है।
तुर्की में 2016 के असफल तख्तापलट के प्रयास के मामले में ब्रनसन को गिरफ्तार किया गया था। मार्च में उन पर जासूसी और आतंकवादी संगठनों के साथ संबंध रखने का आरोप लगाया गया था।
अगर वह दोषी साबित होते हैं तो उन्हें 35 साल की जेल की सजा का सामना करना पड़ सकता है।
तुर्की ने अमेरिकी कदम पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। तुर्की के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा है, हम अमेरिका के वित्त विभाग द्वारा घोषित प्रतिबंध के इस फैसले का घोर विरोध करते हैं..किसी का भला नहीं करने वाले इस आक्रामक रवैये का बिना देर किए जवाब दिया जाएगा।