रोहिंग्या की घुसपैठ रोकने के लिए सेना तैनात : राजनाथ
नई दिल्ली, 31 जुलाई (आईएएनएस)| केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि रोहिंग्या मुस्लिमों की देश में घुसपैठ रोकने के लिए सेना तैनात की गई है और राज्यों को भी निर्देश दिया गया कि उन्हें फैलने नहीं दें। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) व असम राइफल्स को रोहिंग्याओं की घुसपैठ रोकने के लिए तैनात किया गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने राज्यों को पहले से घुसपैठ कर चुके रोहिंग्याओं की निगरानी के लिए परामर्श जारी किया है।
राजनाथ सिंह ने कहा, उनसे (राज्यों से) उन्हें एक जगह पर रखने और उन्हें फैलने नहीं देने के लिए कहा गया है। राज्यों को उन्हें निर्वासित करने का अधिकार भी है।
तृणमूल कांग्रेस के सदस्य सुगाता बोस ने मामला उठाया कि एक तरफ विदेश मंत्रालय ‘ऑपरेशन इंसानियत’ बांग्लादेश में चला रहा है, जबकि दूसरी तरफ इसने देश से रोहिंग्याओं के निर्वासन की प्रक्रिया शुरू की है।
बोस ने कहा, विदेश मंत्रालय बांग्लादेश में रोहिंग्याओं के लिए ऑपरेशन इंसानियत चला रहा है। भारत में करीब 40,000 रोहिंग्या हैं।
बोस ने कहा, क्या हम सिर्फ बांग्लादेश में रहने वालों के लिए इंसानियत दिखाएंगे।
तृणमूल के सदस्य ने यह भी सवाल किया कि क्या देश सभी अंतर्राष्ट्रीय कानून का पालन करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि लोगों को शरण देने की भारतीय परंपरा रही है।
बोस की टिप्पणी का जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि उनके (बोस) द्वारा दिया गया बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। भारत संभवत: अकेला देश है जिसने शरणार्थियों के लिए इस तरह का नरम रवैया अपनाया है।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के शरणार्थियों को स्वीकार करने के समझौते में नहीं होने के बावजूद भारत ने लाखों लोगों को आश्रय दिया है।
रिजिजू ने कहा, अभी भी भारत में हजारों शरणार्थी रह रहे हैं। भारत आप्रवासियों के प्रति बहुत नरम रहा है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इसे नियमित करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं होगी। हमारी प्राथमिकता पहले अपने नागरिकों का ख्याल रखने की है।
उन्होंने कहा, हमारी सरकार ने रखाइन प्रांत में शरणार्थी शिविरों का निर्माण किया है लेकिन सरकार के कार्यो की सराहना करने के बजाय आप देश को बदनाम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यहां तक कि भारत ने म्यांमार को इनके पुनर्वास में सहायता के लिए मदद का प्रस्ताव दिया है।
मंत्री ने कहा, रोहिंग्या की जनसंख्या जम्मू एवं कश्मीर में सबसे ज्यादा है, लेकिन इन्हें बोझ बनने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
भारतीय जनता पार्टी के सदस्य जुगल किशोर शर्मा ने आरोप लगाया कि फरवरी में सुनजुवान सेना शिविर के हमलावर जम्मू एवं कश्मीर में रोहिंग्या मुस्लिमों के घरों के जरिए आए थे।