कांग्रेस की एनआरसी पर सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग
नई दिल्ली, 30 जुलाई (आईएएनएस)| कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार को ‘असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के अंतिम मसौदे के प्रकाशन से पैदा हुई स्थिति के बारे में’ जल्द से जल्द राजनीतिक पार्टियों को अवगत कराने के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए।
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने मीडिया से कहा कि यह मुद्दा एक राज्य के भीतर के साथ-साथ राज्यों के बीच का मुद्दा भी बन गया है और इसके बाह्य आयाम भी हो सकते हैं।
उन्होंने कहा, सरकार को स्थिति व इससे निपटने के लिए उठाए जाने वाले प्रस्तावित कदमों के बारे में सभी दलों को सूचित करने के लिए एक बैठक बुलानी चाहिए।
आनंद शर्मा ने कहा कि इस मुद्दे के निहितार्थ सिर्फ असम के लिए नहीं हैं, बल्कि पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, ओडिशा व मेघालय राज्यों के लिए भी हैं।
उन्होंने कहा कि जिस तरीके से एनआरसी का कार्य किया गया, उससे सरकार की विश्वसनीयता पर सवाल उठता है।
उन्होंने कहा, जैसा कि हमें बताया गया है कि मूल निवासी प्रभावित हुए हैं, चाय बागान के श्रमिक प्रभावित हुए हैं। सरकार ने 16 दस्तावेजों की सूची दी है और इनमें से एक भी पर्याप्त है। हमें सूचित किया गया है कि बहुत बड़ी संख्या में लोगों के पास कई दस्तावेज थे।
आनंद शर्मा ने कहा कि मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए और इसका हल असम समझौते के दायरे में पाया जा सकता है।
असम समझौते पर 1985 में केंद्र व असम सरकारों के बीच व दूसरी तरफ ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) व अब निष्क्रय हो चुके ऑल असम गण संग्राम परिषद (एएजीएसपी) के बीच तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की मौजूदगी में हस्ताक्षर किए गए थे।
शर्मा ने दावा किया कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में अपनी टिप्पणी में कबूल किया कि एनआरसी को तैयार करने में कुछ कमियां थीं।
राजनाथ सिंह ने कहा कि सोमवार को प्रकाशित हुआ एनआरसी का अंतिम मसौदा, अंतिम सूची नहीं है और विपक्षी दलों से इसका राजनीतिकरण नहीं करने का आग्रह किया।