टाटा मुम्बई मैराथन-2019 के लिए पंजीकरण 29 जुलाई से शुरू
मुम्बई, 27 जुलाई (आईएएनएस)| देश की सबसे प्रतिष्ठित मैराथन में से एक टाटा मुम्बई मैराथन के 2019 संस्करण के लिए 29 जुलाई से पंजीकरण शुरू हो रहे हैं। मैराथन का आयोजन 20 जनवरी 2019 को मुम्बई में होगा। 405,000 डालर इनामी राशि वाली इस मैराथन को टाटा संस एवं टाटा कंसल्टेंसी द्वारा संयुक्त रूप से प्रायोजित करते हैं और प्रोकैम इंटरनेशनल इसे आयोजित कराती है।
मैराथन के लिए छह अलग-अलग कैटेगरी में कुल 46 हजार हाजिरी की सम्भावना रखी गई है। इन कटेगरी में फुल मैराथन, हाफ मैराथन, ओपन 10के रन, ड्रीम रन, सीनियर सिटिजंस रन और चैम्पियंस विद डिसएबिलिटी शामिल हैं।
खास बात यह है कि इस साल टाटा मुम्बई मैराथन को एबाटडब्ल्यूएमएम वांडा एज ग्रुप वल्र्ड रैंकिंग्स में शामिल किया गया है। यह इन रैंकिंग्स में शामिल भारत की पहली मैराथन है। एबाटडब्ल्यूएमएम वांडा एज ग्रुप वल्र्ड रैंकिंग्स विश्व का पहला एज ग्रुप मैराथन रैंकिंग सिस्टम एवं एज ग्रुप वल्र्ड चैम्पियनशिप है।
इसके मुम्बई मैराथन से जुड़ने का मतलब यह है कि अब मुम्बई में फुल मैराथन में दौड़ने वाले धावक वल्र्ड रैंकिंग सिस्टम के तहत दुनिया भर के मैराथनों में दौड़ने की योग्यता हासिल कर सकते हैं। साथ ही यह टाप रैंकिंग वाले एज ग्रुप एथलीटों को 2020 में एबाटडब्ल्यूएमएम वांडा एज ग्रुप वल्र्ड चैम्पियनशिप के लिए क्वालीफाई करने का मौका प्रदान करेगा।
टाटा मुम्बई मैराथन के फुल मैराथन के लिए पंजीकरण 29 जुलाई सुबह सात बजे से 20 नवम्बर 2018 तक होंगे। इसी तरह हाफ मैराथन के लिए 2 अगस्त से 17 अगस्त तक पंजीकरण होंगे। ओपन 10के रन के लिए पंजीकरण 20 अगस्त से 8 सितम्बर तक होगा। ड्रीम रन के लिए पंजीकरण 27 अगस्त से 31 अगस्त तक होंगे। सीनियर सिटिजंस रन एवं चैम्पियंस विद डिसएबिलिटी के लिए पंजीकरण 1 से 8 सितम्बर के बीच होंगे।
महाराष्ट्र के राज्यपाल चौधरी विद्यासागर राव ने 2019 संस्करण के लिए आधिकारिक तौर पर पंजीकरण की शुरुआत की घोषणा की।
राज्यपाल ने कहा, टाटा मुम्बई मैराथन स्वच्छ भारत अभियान की ओर एक सकारात्मक कदम है। यह जात-पात, धर्म और लिंग भेद से अलग है और भारत के संविधान के अनुरूप पूरी तरह गणतंत्रात्मक है।
प्रोकैम के संयुक्त प्रबंध निदेशक विवेक सिंह ने कहा, इस साल हम प्रोकैम की स्थापना का 30वां जन्मदिन मना रहे हैं और इस कारण टाटा मुम्बई मैराथन का यह संस्करण हमारे लिए बेहद खास है। हमने बीते तीन दशक में भारत में खेल संस्कृति को समृद्ध होते देखा है और हमें इस बात का गर्व है कि इस समृद्धि में हमारा भी थोड़ा बहुत योगदान है।