मुश्किल हालात में भी देश की सेवा कर रहे जवान : राष्ट्रपति
रायपुर, 26 जुलाई (आईएएनएस/वीएनएस)। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में गुरुवार को कारगिल दिवस पर कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों के बलिदान को सलाम किया और कहा कि मुश्किल हालात में भी जवान देश की सेवा कर रहे हैं।
हम चैन की नींद सोते हैं तो सीमा पर जवानों की बदौलत। सियाचिन में 3-3 माह तक जवान बिना नहाए रहते हैं। सेना के त्याग और बलिदान को सलाम है। (20:06)
राष्ट्रपति गांव डिमरापाल में बलिराम कश्यप स्मृति शासकीय मेडिकल कॉलेज के 500 बिस्तरों वाले नवनिर्मित अस्पताल भवन के लोकार्पण के बाद जनता को संबोधित कर रहे थे।
कोविंद ने संबोधन की शुरुआत छत्तीसगढ़ी भाषा में की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में लोकभाषा और संस्कृति को संजोकर रखा गया है। यहां आकर अपनापन महसूस होता है।
राष्ट्रपति ने कहा, 25 जुलाई को मेरे कार्यकाल का 1 वर्ष पूरा हुआ। इस खुशी में दिल्ली से आकर आदिवासी भाई-बहनों के साथ वक्त बिताना चाहता था। मैं 15-16 वर्ष पूर्व यहां आया था, तब और अब के बस्तर में काफी अंतर है। यहां आकर आदिवासी भाई-बहनों में त्याग और बलिदान की भावना दिखती है। छत्तीसगढ़ में आदिवासी भाई-बहनों ने अतिथि देवो भव की परंपरा को बनाए रखा है।
कोविंद ने कहा, बस्तर से मिला प्यार हमेशा याद रहेगा। यहां रामकृष्ण मिशन के तहत अच्छा काम हुआ है। आदिवासी भाई-बहन प्रकृति से तालमेल बनाकर विकास की गाथा लिख रहे हैं। यहां रेल सेवा और हवाई सेवा भी उपलब्ध हुई है। देश की आत्मा आदिवासियों और गरीबों में बसती है।
राष्ट्रपति ने कहा, हमारे संविधान में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। यहां हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में शांति के लिए प्रयास सराहनीय है। विकास के लिए हर प्रयास किए जा रहे हैं। देश की बेटियों में इंदु मानिकपुरी और हिमादास बनने की क्षमता है। महिलाओं का आर्थिक सशक्तीकरण देश के विकास के लिए जरूरी है।
उन्होंने इस मौके पर छत्तीसगढ़ के 50 लाख लोगों को नि:शुल्क स्मार्ट फोन देने के लिए राज्य सरकार की संचार क्रांति योजना का भी शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेशवासियों की ओर से राष्ट्रपति और उनकी पत्नी सविता कोविंद का स्वागत किया। इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और अन्य मंत्री मौजूद थे।