गुरू पूर्णिमा : इस बार दो दिन मनाई जाएगी गुरू पूर्णिमा-2018, जानिए क्यों
गुरूओं की पूजा के इतर इस दिन का महत्व हिंदू आस्था के दृष्टिकोण से भी बहुत अधिक है
भारतीय परंपरा में गुरू की पूजा टीचर्स डे के दिन नहीं बल्कि गुरू पूर्णिमा के दिन होती है। इस दिन हर कोई अपने आदरणीय गुरूओं से मिलने और संपर्क साधने में जुट जाता है। गुरूओं की पूजा के इतर इस दिन का महत्व हिंदू आस्था के दृष्टिकोण से भी बहुत अधिक है।
इस बार गुरुपूर्णिमा गुरुवार की रात 10:21 बजे से शुरू होगी और अगले दिन यानी शुक्रवार तक चलेगी। लेकिन अगले दिन चंद्रग्रहण के कारण सूतक लगने की वजह से गुरुवार को भी गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी।
28 जुलाई को समाप्त होगा सूतक :
चंद्रग्रहण का सूतक 27 जुलाई को दोपहर 2.54 बजे से शुरू होगा, जो 28 जुलाई को सूर्योदय के साथ ही समाप्त होगा। ऐसे में गुरुपूर्णिमा के चलते मंदिरों में होने वाले रात्रि जागरण, भजन संध्या व विशेष पूजा-आर्चना जैसे रात्रिकालीन कार्यक्रम गुरुवार रात में ही किए जाएंगे।
सूतक लगने से पहले तक मना सकते हैं गुरुपूर्णिमा :
वहीं शुक्रवार को सूतक लगने से पहले तक लोग गुरुपूर्णिमा मना सकते हैं क्योंकि सूतक लगते ही मंदिरों के पट बंद हो जाएंगे व जलपान, भोजन बंद रहता है। शुक्रवार को रात्रिकालीन मंदिरों में होने वाला जागरण, भंडारा, पूजा-पाठ वर्जित होने के कारण के कारण गुरु पूर्णिमा एक दिन पहले भी मनाना कोई दोष नहीं माना जा सकता।