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कारगिल विजय दिवस : कारगिल की लड़ाई में उत्तराखंड के 75 जवानों ने लगा दी थी जान की बाज़ी

उत्तराखंड में सैनिकों की समस्याओं के निस्तारण के लिए ज़िलों के एडीएम को बनाया गया नोडल अधिकारी

उत्तराखंड में कारगिल विजय दिवस पर गांधी पार्क, देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कारगिल शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर कारगिल शहीदों को नमन किया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री रावत ने वीर जवानों की शहादत को सलाम करते हुए कहा कि जब भी देश को जरूरत हुई मातृभूमि की रक्षा के लिए हमारे जवान अपना सर्वस्व अर्पण करने के लिए तैयार रहे हैं। सेना के जवानों के, शौर्य व पराक्रम से ही आज  हमारी सरहदें सुरक्षित हैं।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में पदक विजेता सैन्य अधिकारियों, सैनिकों, शहीद सैनिकों के परिवारजनों, वीर नारियों को सम्मानित किया। कार्यक्रम में यह बताया गया कि कारगिल की लड़ाई में देश के 527 जवान शहीद हुए थे, इनमें से 75 उत्तराखंड के थे। जबकि पाकिस्तान के कई गुना अधिक सैनिक मारे गए।
” कारगिल का युद्ध विषम परिस्थितियों में लड़ा गया था। फिर भी हमारे जवानों ने सेना ने अप्रतिम साहस व बुद्धिमत्ता का परिचय देते हुए दुश्मनों को बाहर खदेड़ा। कारगिल के युद्ध में हमने अपने जवानों के रक्त के एक-एक कतरे का बदला दुश्मनों से लिया। कारगिल का युद्ध हमारी सेना के पराक्रम के लिए हमेशा जाना जाएगा।” सीएम रावत ने आगे कहा।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि कारगिल की लड़ाई जब-जब याद की जाएगी तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को भी याद किया जाएगा। उन्होंने उस समय राजनैतिक इच्छा शक्ति का परिचय दिया। कारगिल का युद्ध ऐसा युद्ध था, जब हमने अपनी एक-एक इंच भूमि की रक्षा की।
” सैनिकों, पूर्व सैनिकों, वीर नारियों व शहीद सैनिकों के परिवारजनों का राज्य सरकार सम्मान करती है। प्रत्येक जिले में सैनिकों, पूर्व सैनिकों व उनके परिवारजनों की समस्याओं के निस्तारण के लिए एडीएम को नोडल अधिकारी नामित किया गया है।” सीएम त्रिवेंद्र ने आगे बताया।
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