शाह आयोग गलत, खनन घोटाला सिर्फ 100 करोड़ रुपये का : पर्रिकर
पणजी, 25 जुलाई (आईएएनएस)| मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने बुधवार को कहा कि न्यायमूर्ति एम.बी.शाह आयोग का गोवा खनन घोटाले के 35,000 करोड़ रुपये का होने का अनुमान एक गलत सर्वेक्षण पर आधारित है और इसकी वास्तव सीमा 50 से 100 करोड़ रुपये तक से ज्यादा होने की संभावना नहीं है। पर्रिकर ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस विधायक लुजिन्हो फ्लेरियो के सवाल के जवाब में कहा, शाह आयोग की रिपोर्ट हैंड-हेल्ड गजेट्स द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण पर आधारित है.. उन्होंने एक उचित सर्वेक्षण नहीं किया है। उन्हें एक उचित सर्वेक्षण करना चाहिए।
पर्रिकर के पास खनन विभाग भी है। उन्होंने कहा कि आयोग का अनुमान है कि पट्टे की सीमाएं खनन कंपनियों द्वारा बदल दी गईं और अतिरिक्त 580 हेक्टेयर जमीन उनके द्वारा ले ली गई।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कराए गए एक विस्तृत सर्वेक्षण में खुलासा हुआ है कि सिर्फ 10 हेक्टेयर जमीन खनन कंपनियों द्वारा कब्जा की गई थी।
पर्रिकर ने कहा, शाह आयोग का सर्वेक्षण गलत है। उन्होंने कहा कि निकाले गए अयस्क की कुल कीमत सरकार के नुकसान को नहीं दिखाती है, इस तरह से अयोग द्वारा अनुमानित नुकसान कम हो जाता है।
पर्रिकर ने कहा, अयस्क की कीमत से सरकार को नुकसान नहीं है। सरकार को रायल्टी (निकाले गए अयस्क पर) का नुकसान है।
उन्होंने कहा कि गोवा के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में खनन क्षेत्र द्वारा अर्जित राजस्व का घटक 2012 की तुलना में 2018 में सिर्फ पांच फीसदी था।
गोवा में खनन पर राज्य व केंद्र सरकार के साथ -साथ सर्वोच्च न्यायालय ने 2012 में रोक लगाई है।
गोवा की जीडीपी करीब 70,000 करोड़ रुपये है।
पर्रिकर ने यह भी कहा कि गोवा में खनन की जल्द बहाली भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक है। गोवा में फरवरी में खनन पर प्रतिबंध था।
गोवा में खनन का मुद्दा शीर्ष अदालत द्वारा मार्च में 88 खनन पट्टे लौह अयस्क के निष्कर्षण व परिवहन को प्रतिबंधित किए जाने से फंसा हुआ है। हालांकि, अदालत ने खनन पट्टे को फिर से जारी करने का निर्देश दिया है।
शीर्ष अदालत ने वर्ष 2012 के प्रतिबंध को वर्ष 2014 में हटा लिया था, लेकिन राज्य सरकार द्वारा पट्टे के नवीनीकरण प्रक्रिया में गड़बड़ी की वजह से अदालत को फिर से रोक लगानी पड़ी।