लिवाली घटने से एक सप्ताह में 300 रुपये टूटा चना
नई दिल्ली, 25 जुलाई (आईएएनएस)| ऊंचे भाव पर लिवाली घटने से एक सप्ताह में चने के भाव में 300 रुपये से ज्यादा की गिरावट आई है। चना वायदा बुधवार को तीन फीसदी से अधिक गिरावट के साथ बंद हुआ। वहीं, हाजिर बाजार में भी 150-200 रुपये की गिरावट दर्ज की गई। कारोबारियों के अनुसार, सरकार एजेंसी नाफेड द्वारा आगे चने की विकवाल करने से आपूर्ति में इजाफा होने की संभावना बन गई है, इसलिए ऊंचे दाम पर लिवाली घट गई है। इसके अलावा, ट्रांसपोर्टर की हड़ताल से बाजार में न तो माल आ रहा है और न ही बाजार से जा रहा है। इसलिए लेवाल और विकवाल दोनों प्रतीक्षा के मूड में हैं।
ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने कहा, इस साल साल सरकारी एजेंसियों के पास विभिन्न राज्यों में 27 लाख टन चना का स्टॉक है और सरकार ने मंगलवार को नाफेड को चने की विकवाली करने की अनुमति दे दी है। इसलिए कीमतों में गिरावट आई है।
कारोबारियों के अनुसार, पिछले दिनों सटोरियों की सक्रियता के चने के भाव में जोरदार तेजी आई जिसके बाद ऊंचे भाव पर लिवाली घट गई।
दिल्ली के चना कारोबारी पवन गुप्ता ने बताया कि सरकारी एजेंसियों की बिकवाली अक्टूबर में होने वाली है जिससे बाजार में मंदा कारोबार देखा जा रहा है। हालांकि सरकारी एजेंसी अगर ऊंचे भाव पर चना बेचती है तो फिर भाव में तेजी आ सकती है। सरकारी एजेंसियों ने इस साल न्यूनतम समर्थन मूल्य 4,400 रुपये प्रति क्विंटल चना खरीदी है।
गुप्ता ने बताया कि ट्रांसपोटर की हड़ताल से भी चने में मंदी का माहौल है। उन्होंने बताया कि पिछले दो दिन में चने के भाव में 200-250 रुपये की कमी आई है।
दिल्ली की लॉरेंस रोड मंडी में बुधवार को राजस्थान लाइन चना 4,400 और मध्यप्रदेश लाइन चना 4,350 रुपये प्रति क्विंटल था।
देश में कृषि उत्पादों का सबसे बड़ा वायदा बाजार नेशनल कमोडिटी एंड डेरीवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) पर बेंचमार्क अगस्त डिलीवरी चना अनुबंध 130 रुपये यानी 3.11 फीसदी की कमजोरी के साथ 4,045 प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। एनसीडीईएक्स पर चने के सभी वायदों में कमजोरी दर्ज की गई। इससे पहले 19 जुलाई को अगस्त वायदा अनुबंध 4,381 रुपये प्रति क्विं टल तक उछला था।