सुप्रीम कोर्ट ने केजीएमयू की याचिका खारिज की, डॉ. केके सिंह को बहाल करने के दिए आदेश
18 जुलाई 2018 को माननीय उच्चतम न्यायलय ने दिया आदेश
लखनऊ के डॉ. केके सिंह के प्रकरण में 18 जुलाई 2018 को माननीय उच्चतम न्यायलय ने केजीएमयू की याचिका खारिज की और यह आदेश दिया है कि डॉ. केके सिंह को बहाल करे और पूरे विवाद की अवधि को उनकी नौकरी / अनुभव से जोड़ा जाए।
केके अस्पताल के मालिक केके को सुप्रीम कोर्ट ने केजीएमयू में बहाल कर दिया है। वर्ष 2006 में केजीएमयू ने उन्हें बर्खास्त कर दिया था। जनवरी 2006 में केजीएमयू के डॉ. केके सिंह को आगजनी व तीन दूसरे आरोपों के लिए निलंबित कर दिया गया था । सात जून 2008 में इन्हीं आरोपों में इन्हें बर्खास्त कर दिया था।
वहीं पांच मार्च 2009 को लखनऊ हाईकोर्ट ने इस आदेश को खारिज कर दिया, इस आदेश के खिलाफ केजीएमयू ने सुप्रीम कोर्ट में SLP दायर किया। वर्ष 2012 में केजीएमयू ने फिर से इस मामले की जांचकर डॉ. सिंह को बर्खास्त कर दिया, इस पर डॉ. सिंह ने इस आदेश के खिलाफ लखनऊ हाईकोर्ट में रिट याचिका योजित की। इसके बाद हाईकोर्ट ने बर्खास्तगी के इस आदेश को खारिज करते हुए केजीएमयू को डॉ. सिंह को फिर से सेवा लाभ प्रदान करने का मौका दिया।
केजीएमयू ने 31 अक्टूबर 2014 में उपरोक्त आदेश दिनांक 14 जुलाई 2014 के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में SLP N0. 27166/14 याचिका की। फिर केजीएमयू को सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देशित किया कि डॉ. सिंह को पूरे वेतन का भुगतान किया जाए चाहे केजीएमयू डॉ. सिंह से काम ले या न ले।
18 जुलाई 2018 को माननीय उच्चतम न्यायालय ने केजीएमयू की अपील को स्वीकार ना करते हुए यह आदेश जारी किया कि –
- माननीय उच्च न्यायालय लखनऊ बेंच लखनऊ के आदेश पर दिनांक 14 जुलाई 2014 बहाली के लिए आदेशों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
- माननीय उच्चतम न्यायालय ने डॉ. केके सिंह के बहाली आदेश को स्थापित रखा।