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‘जीएसटी दर में कटौती से पावरलूम सेक्टर में बढ़ेगा रोजगार’

नई दिल्ली, 23 जुलाई (आईएएनएस)| कॉन्फेरेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्री के अध्यक्ष संजय जैन ने कहा कि कपड़े पर आयात शुल्क दोगुना करने के बाद अब सिंथेटिक कपड़े पर जीएसटी दरों में कटौती से देसी कपड़ा उद्योग को बड़ी राहत मिली है और इससे पावरलूम सेक्टर में रोजगार बढ़ेगा।

संजय जैन ने आईएएनएस से खास बातचीत में कहा, पिछले एक साल में कपड़ा उद्योग में तकरीबन 40,000 लोगों की नौकरियां चली गई। देश में कपड़ा उद्योग के प्रमुख केंद्र सूरत और लुधियाना में कई उद्योग बंद हो गए। कपड़ों पर वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी लगने से देसी कपड़े महंगे हो गए और विदेशों से सस्ते सिंथेटिक कपड़े का आयात बढ़ गया।

जैन ने कहा कि चेनिल फैब्रिक और अन्य फैब्रिक आइटम और हैंडलूम दरी पर जीएसटी की दर 12 फीसदी से घटाकर पांच फीसदी किए जाने से कपड़ा उद्योग को बड़ी राहत मिली है क्योंकि उद्योग पिछले एक साल से भारी दबाव में था। कारोबार ठप पड़ गया था और लोग बेकार हो गए थे।

उन्होंने कहा, पहले आयात शुल्क में दोगुना वृद्धि और अब जीएसटी की दरों में कटौती कपड़ा उद्योग के लिए बड़ी राहत है।

सीआईटीआई प्रमुख ने कहा कि कपड़ा उद्योग के लिए इससे भी बड़ी राहत की बात यह है कि सरकार ने इनपनुट टैक्स क्रेडिट यानी आईटीसी का रिफंड करने का फैसला लिया है।

उन्होंने कहा, इनपुट टैक्स रिफंड की अनुमति अन्य सेक्टर में दी गई थी मगर इस सेक्टर में नहीं था। इसलिए सरकार का यह फैसला स्वागत योग्य है और इससे कारोबार में तेजी आएगी। कारोबारियों को इनपुट टैक्स रिफंड मिलने से उनके बड़ी राहत मिलेगी।

जैन ने कहा कि भारत में विदेश्ी कपड़ों का आयात पिछले साल तकरीबन 16.17 फीसदी बढ़ गया जिससे घरेलू उद्योग बुरी तरह प्रभावित रहा, मगर सरकार के इन फैसले से कपड़ा उद्योग में निराशा का माहौल छटेगा और सकारात्मक रुझान पैदा होगा।

उन्होंने कहा जीएसटी दर में कटौती न सिर्फ कारोबारियों के लिए राहत की खबर है बल्कि उपभोक्ताओं को भी सस्ता कपड़ा मिलने से उनकी जेब पर कम भार पड़ेगा। इसके साथ ही भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास को भी बल मिलेगा।

उन्होंने कहा कि उद्योग को सरकार से अभी कुछ और राहत की उम्मीद है।

जैन ने कहा, मैन-मेड फाइबर और यार्न पर जीएसटी की दरों में कटौती की मांग काफी समय से की जा रही है। इसके अलावा जीएसटी से संबंधित कुछ अन्य मसले भी लंबित हैं और हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले दिनों में एमएमएफ सेक्टर को भी राहत मिलेगी।

जीएसटी परिषद की शनिवार को हुई 28वीं बैठक में चेनिल फैब्रिक और अन्य फैब्रिक आइटम और हैंडलूम दरी पर जीएसटी की दर 12 फीसदी से घटाकर पांच फीसदी करने का फैसला लिया गया।

परिषद ने 80 से ज्यादा मदों पर जीएसटी की दरों में कटौती की, जिनमें कई एफएमसीजी उत्पादों के अलावा छोटे परदे वाला टीवीए वाशिंग मशीन और रेफ्रिजरेटर जैसे इलेक्ट्रॉनिक अपलायंस शामिल हैं।

इसी महीने सरकार ने 76 वस्त्र एवं परिधान के मदों पर आयात शुल्क 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया।

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