IANS

गुरुग्राम में ‘स्टूडेंट पुलिस कैडेट’ कार्यक्रम शुरू

गुरुग्राम, 21 जुलाई (आईएएनएस)| केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को यहां ‘स्टूडेंट पुलिस कैडेट’ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम के तहत देशभर के उच्च विद्यालय के छात्रों को और अधिक जिम्मेदार नागरिक बनने के बारे में सिखाया जाएगा। ताऊ देवीलाल स्टेडियम में इस कार्यक्रम की आधिकारिक शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा कि एसपीसी कार्यक्रम आठवीं और नौवीं कक्षा के छात्रों के लिए है, जिसे देश भर में लागू किया जाएगा।

यह कार्यक्रम नागरिकों के लिए स्वेच्छा से कानून को सम्मान करने और उनका पालन करने, दूसरों के प्रति जिमेदार व्यवहार का अभ्यास करने, समाज के कमजोर वर्गो के लिए सहानुभूति दिखाने और समुदायिक मुद्दों से निपटने में भाग लेने के लिए एक दृष्टि के साथ लागू किया गया है।

कार्यक्रम को लागू करने के लिए राज्यों को 67 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी गई है और सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पायलट आधार पर किए जाने वाले इस कार्यक्रम के लिए प्रत्येक स्कूल को शैक्षणिक सहायता, प्रशिक्षण और अनिश्चय व्यय के लिए 50 हजार रुपये दिए जाएंगे।

राजनाथ सिंह ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों में नैतिक मूल्य विकसित कर उन्हें अनुशासित बनाने पर जोर दिया जाएगा ताकि बच्चे आगे चलकर नए भारत के निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकें। उन्होंने कहा कि भारत में युवाओं की दुनिया की सबसे बड़ी आबादी है।

टीवी, इंटरनेट व सोशल मीडिया पर प्रसारित खबरों और तेजी से बढ़े आधुनिकीकरण के कारण बच्चों पर पड़ रहे दुष्प्रभाव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसका प्रभाव आज पूरे समाज पर पड़ रहा है जोकि चिंता का विषय है। ऐसे में हमें घर के साथ साथ स्कूलों में भी बच्चों को चरित्र निर्माण की शिक्षा देने की जरूरत है।

उन्होंने कहा, हालांकि यह एक कठिन काम है और इसमें काफी समय लगेगा, लेकिन हमें इसे हासिल करना होगा.. इसे ध्यान में रखते हुए, छात्रों में मूल्यों और नैतिकता को प्रेरित कर स्कूल के माध्यम से पुलिस और बड़े समुदाय के बीच एक पुल बनाने में मदद के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एसपीसी शुरू किया जा रहा है।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि शिक्षा के पाठ्यक्रम व एसपीसी कार्यक्रम में सामंजस्य स्थापित किया जाएगा ताकि विद्यार्थी इस ओर भी अपना ध्यान केंद्रित कर अनुशासित बन सकें।

उन्होंने कहा कि इससे युवाओं में अच्छे स्वास्थ्य, शारीरिक व मानसिक फिटनेस, आत्म नियंत्रण और अनुशासन के विकास की सुविधा की भावना जागेगी साथ ही इसके जरिए युवा पुलिस के साथ काम करने में सक्षम बनेंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को पुलिस द्वारा सामुदायिक पुलिस अधिकारी (सीपीओ) और अतिरिक्त सीपीओ के रूप में कार्य करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम से देश भर से आठवीं व नौवीं कक्षा के लगभग चार करोड़ बच्चे जुड़ेंगे। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम भावी पीढ़ी को संस्कारवान बनाने के साथ साथ देश को आगे बढ़ाने में मददगार होगा।

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