राहुल की गले मिलने की राजनीति लोकसभा अध्यक्ष को नापसंद
नई दिल्ली, 20 जुलाई (आईएएनएस)| लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने शुक्रवार को सदन के भीतर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गले मिलने पर नाखुशी जाहिर की और कहा कि इस हाव-भाव से सदन के शिष्टाचार में कमी आई है। उन्होंने कहा, मुझे भी यह पसंद नहीं है। एक शिष्टाचार होता है प्रधानमंत्री पद के लिए। सदन के भीतर सीट पर जब वह बैठे हैं तो वह नरेंद्र मोदी नहीं बल्कि भारत के प्रधानमंत्री हैं।
लोकसभा में गृहमंत्री राजनाथ सिंह के भाषण के दौरान कुछ समय के लिए सदन के स्थगित होने के बाद जब दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू हुई, तब लोकसभाध्यक्ष ने यह टिप्पणी की।
राजनाथ सिंह ने दोबारा अपना भाषण शुरू करते हुए कहा कि कुछ लोगों ने सदन के भीतर ‘चिपको आंदोलन’ शुरू किया है।
उनकी इस टिप्पणी पर महाजन ने कहा कि राहुल ने जो किया वह उन्हें भी पसंद नहीं है।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, आपको (कांग्रेस सदस्यों को इंगित करते हुए) यह भले ही पसंद हो लेकिन मुझे यह पसंद नहीं आया। खासतौर से उन्होंने (राहुल गांधी) प्रधानमंत्री से गले मिलने के बाद जो इशारा किया, वह मुझे पसंद नहीं आया। इस सदन में शिष्टाचार को बनाए रखने की जिम्मेदारी हमारी है।
उन्होंने कहा, राहुल गांधी मेरे बेटे की तरह हैं। मैं मां के रूप में उन्हें शिष्टाचार की बात बताना भी अपना कर्तव्य मानती हूं।
इससे पहले सदन में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान अपने भाषणा में भाजपा की अगुवाई वाली सरकार की बखिया उधेड़ने के बाद राहुल गांधी सत्ताधारी पक्ष की ओर गए मोदी से गले मिले जिसे देख लोकसभा में सभी हैरान थे।
अचानक हक्का-बक्का हो जाने के बाद मोदी ने तुरंत उनको वापस बुलाकर उनसे हाथ मिलाया। उन्होंने राहुल गांधी की पीठ थपथपाई और मुस्कराते हुए दोनों नेताओं ने बात की।