दक्षिण भारतीय मिलेनियलों का आकांक्षा सूचकांक सबसे ज्यादा
नई दिल्ली, 18 जुलाई (आईएएनएस)| बैंक बाजार ने अपनी 10वीं वर्षगांठ पर भारतीय मिलेनियल का पहला बैंक बाजार आकांक्षा सूचकांक जारी किया।
दक्षिण भारतीय मिलेनियलों का आकांक्षा सूचकांक देश में सबसे ज्यादा है। वहीं उत्तर, पूर्व और पश्चिम भारत में यह क्रमश: 87.6, 86.6 और 86.0 है। आकांक्षा सूचकांक धन, शोहरत, छवि, रिश्ते, व्यक्तिगत विकास और सेहत के आधार पर जुटाए गए आंकड़ों को प्रस्तुत करता है।
रपट के मुताबिक, 88.8 के सूचकांक के साथ चेन्नई शहर भारत में प्रथम स्थान पर है, वहीं 88.5 के सूचकांक के साथ जयपुर दूसरे स्थान पर रहा। इसके बाद हैदराबाद (88.29) और बेंगलुरू (88.29) तीसरे स्थान पर रहे।
रपट के अनुसार, भारतीय मिलेनियलों की नजर में धन पहले स्थान पर, फिर स्वास्थ्य और उसके बाद शोहरत का स्थान है। क्षेत्रीय विविधताओं के बावजूद, महिला एवं पुरुष मिलेनियलों की प्रमुख आकांक्षाएं लगभग समान ही हैं।
रपट के मुताबिक, 61 प्रतिशत मिलेनियल अपने सपनों को पूरा करने के लिए उधार लेने से नहीं हिचकते हैं और यह बात पूरे भारत के मिलेनियलों पर लागू होती है।
बैंक बाजार के सह-संस्थापक और सीईओ अधिल शेट्टी ने कहा, पिछले 10 साल से भारतीयों की सोच में जबरदस्त बदलाव आया है। इस रपट ने हमारी समझ को ही पुख्ता नहीं किया है, बल्कि कुछ आश्चर्यजनक बातें भी हमारे समक्ष प्रस्तुत की हैं। हम ये मानते आए थे कि मिलेनियल अपने फाइनेंस पर प्रभुत्व चाहते हैं, पर हैरानी की बात यह है कि 91 प्रतिशत मिलेनियल अपनी मर्जी के मुताबिक अपने फाइनेंस को हैंडल करते हैं।
रपट के अनुसार, धन के प्रति सचेत मिलेनियल, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के साथ सेहत को दूसरा स्थान देते हैं। यह सूचकांक मिलेनियलों के विभिन्न लक्ष्यों- वित्त, रहन-सहन और स्वास्थ्य के विश्लेषण के साथ-साथ उनकी तैयारियों को भी बताता है। संरचित प्रश्नावली की मदद से 25 से लेकर 35 आयु वर्ग के नौकरीशुदा पुरुष और महिलाओं के बीच ये सर्वे किया गया।