डिफाल्टर बिल्डरों को काली सूची में डालने के दिशानिर्देश बनाएं : सर्वोच्च न्यायालय
नई दिल्ली, 18 जुलाई (आईएएनएस)| सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि स्वीकृत योजनाओं से अलग हटकर ईमारतों का निर्माण करते हुए पाए जाने वाले बिल्डरों, ठेकेदारों और वास्तुकारों को कालीसूची में डालने के लिए दो सप्ताह के भीतर उचित दिशानिर्देश बनाए जाएं। न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा कि अवैध या अतिक्रमण कर बनाई गईं इमारतों के मालिकों को अब केवल 48 घंटों का कारण बताओ नोटिस दिया जाएगा कि उनकी इमारतों को सील या ध्वस्त क्यों न किया जाए और उसके तुरंत बाद कार्रवाई की जाएगी।
अदालत ने आदेश दिया कि जहां भी कोई अनधिकृत/अवैध निर्माण अधिकारियों के संज्ञान में आता है, उसे तत्काल प्रभाव से रोका जाना चाहिए।
पीठ ने नजफगढ़ वार्ड समिति के अध्यक्ष पार्षद मुकेश सूर्यन को व्यक्तिगत तौर पर पेश होने को कहा है। अधिकारियों ने पीठ से कहा था कि पार्षद ने इलाके में सीलिंग अभियान चलाने से उन्हें रोका था।
अदालत ने संबंधित अधिकारियों से सूर्यन के आदेश पर उपायुक्त विश्वेंद्र सिंह के तबादले के आरोपों पर एक हलफनामा दायर करने को कहा है। अधिकारियों ने हालांकि कहा कि यह नियमित तबादला था।
शीर्ष अदालत ने कहा कि दिल्ली में सीलिंग अभियान जारी रहेगा।
अदालत ने दिल्ली पुलिस को अवैध व अनधिकृत इमारतों को सील करने में शामिल अधिकारियों की पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।