IANS

पूर्व की सरकारों ने एमएसपी वृद्धि की मांग को नजरअंदाज किया

मिदनापुर, 16 जुलाई (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां सोमवार को कहा कि पूर्व की सरकारें किसानों की मांग और विशेषज्ञ समितियों की सिफारिशों के बावजूद फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने में विफल रहीं। प्रधानमंत्री ने कहा, एमएसपी बढ़ाने की मांग हर सरकार के सामने रखी गई। कई आयोग और समितियों का गठन हुआ, लेकिन हर बार फैसले टाले गए। फाइलों का अंबार लगता गया।

यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, किसान मांग करते रहे और इसके लिए उनका प्रदर्शन चलता रहा, लेकिन न तो राज्य सरकारों और न ही दिल्ली की सत्ता में बैठे लोगों ने किसानों की बातें सुनीं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सत्ता में आने पर हमने लागत का डेढ़ गुना एमएसपी देने का फैसला किया।

मोदी ने कहा, फसलों के एमएसपी में वृद्धि होने से पश्चिम बंगाल के भी किसान सशक्त होंगे।

केंद्र सरकार ने हाल ही में फसल वर्ष 2018-19 (जुलाई-जून) के लिए अधिसूचित खरीफ फसलों के एमएसपी में लागत के मुकाबले 50 फीसदी वृद्धि की घोषणा की है।

मोदी ने कहा, मेरी सरकार आपकी सरकार है और यह किसान हितैषी सरकार है।

कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) द्वारा तय लागत मूल्य के आधार पर धान का एमएसपी 200 रुपये बढ़ाकर 1,750 रुपये प्रति क्विं टल (50.9 फीसदी) किया गया है। वहीं धान ग्रेड का एमएसपी 180 रुपये बढ़ाकर 1,770 रुपये प्रति क्विं टल (51.8 फीसदी) किया गया है।

केंद्र सरकार ने मूंगफली, मूंग, सूर्यमुखी, सोयाबीन, तिल, कालातिल समेत कुल 14 खरीफ फसलों के एमएसपी में वृद्धि की है। उन्होंने कहा कि इस साल जूट का एमएसपी 200 रुपये प्रति क्विं टल बढ़ाया गया है।

मोदी ने कहा, हम जब 2014 में सत्ता में आए तो जूट की कीमत 2,000 रुपये प्रति क्विं टल से भी कम थी, लेकिन अब उसमें 1,700 रुपये प्रतिक्विं टल से भी ज्यादा का इजाफा हो गया है। दाम बढ़ने से पश्चिम बंगाल के जूट उत्पादकों को फायदा हुआ है।

मोदी ने अपनी सरकार द्वारा बांस को घास की श्रेणी में रखने के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि किसान अब बांस की पैदावार कर सकते हैं और उसको काटकर बेच सकते हैं, जबकि पहले बांस का आयात किया जाता था।

मोदी ने कहा कि कृषि बाजारों को ई-नाम (इलेक्ट्रॉनिक नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट) के जरिए समेकित किया गया है ताकि किसानों को अपने मोबाइल फोन पर कीमतों की जानकारी लेकर उत्पाद बेचने में समर्थ हों।

उन्होंने कहा, हम 22,000 ग्रामीण हाटों को अपग्रेड करने की दिशा में काम कर रहे हैं जहां आवश्यक बुनियादी सुविधा प्रदान की जाएगी। आशा है कि पश्चिम बंगाल कृषि बाजार में सुधार लाने की दिशा में कदम उठाएंगे।

कोल्ड चेन स्थापति न होने को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने टमाटर, प्याज और आलू को प्राथमिकता के तौर पर लेते हुए ऑपरेशन ग्रीन परियोजना चलाई है।

मोदी ने कहा कि नीली क्रांति से मछुआरों का सशक्तीकरण होगा।

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