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आपदा में फंसे लोगों से किराया लेकर हेलीकाप्टर से बाहर निकालने की बात को सरकार ने नकारा

सोशल मीडिया पर उठ रहे सवालों के बाद उत्तराखंड सरकार ने दिया जवाब

सोशल मीडिया में कई लोगों ने उत्तराखंड सरकार पर यह सवाल खड़ा किया है कि वो पिथौरागढ़ में आपदा प्रभावित लोगों को हेलीकाप्टर से निकाले जाने पर किराया ले रही है। इन सवालों को सरकार ने भ्रामक बताया है और इन्हें नकारा भी है।
मुख्यमंत्री कार्यालय, उत्तराखंड के मुताबिक भारी बारिश की सम्भावनाओं को देखते हुए आपदा में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए मुख्यमंत्र त्रिवेन्द्र सिंह रावत के निर्देश पर गढ़वाल व कुमाऊं में एक-एक हेलीकाप्टर की व्यवस्था की गई है।
पिथौरागढ़ की अधिक संवेदनशीलता को देखते हुए वहां हेलीकाप्टर रखने का निर्णय किया गया है। साथ ही हेली परिवहन कम्पनी को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि आपदा में फंसे लोगों व स्थानीय नागरिकों से कोई किराया नहीं लिया जाएगा। जब हेलीकाप्टर की आपदा राहत के लिए जरूरत न हो केवल उस समय पिथौरागढ़ में धारचुला से गुंजि तक सामान्य यात्रियों (जो कि आपदा प्रभावित नहीं है) को ले जाने के लिए प्रयोग किया जा सकता है और इसके लिए यात्री से किराया 2,500 रूपए लिया जा रहा है। यह किराया सिर्फ़ नॉन रेस्क्यू उड़ानों के लिए निर्धारित किया गया है।
सीएम कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार आपदा बचाव के लिए जरूरत होने पर हेलीकाप्टर सामान्य यात्रियों के लिए प्रयोग नहीं किया जाएगा। आपदा में फंसे लोगों व स्थानीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए उनसे किसी तरह का कोई किराया नहीं लिया जाएगा।
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