‘दुनिया के श्रेष्ठ विश्वविद्यालयों की सूची में आने की चुनौती लेकर काम करें भारतीय यूनिवर्सिटी’
आईसीएफएआई विश्वविद्यालय में आयोजित किया गया दीक्षांत समारोह
देश के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू , राज्यपाल डॉ. कृष्ण कांत पाल व सीएम, उत्तराखंड त्रिवेंद्र सिंह रावत आईआईपी में आयोजित आईसीएफएआई विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए।
समारोह में उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि सर्वधर्म समभाव व सबका साथ-सबका विकास की भावना ही सच्ची देशभक्ति है। अपनी माता, जन्म भूमि, मातृभाषा व गुरू का सदैव सम्मान करें। छात्र नव-भारत के निर्माण में अपनी भागीदारी निभाएं।
उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि शिक्षा को रोचक के साथ ही नए ज्ञान व तकनीक के अनुरूप बनाना होगा। हमारे विश्वविद्यालय विश्व के श्रेष्ठ विश्वविद्यालयों की सूची में अपना स्थान नहीं बना सके हैं। इसे हमें एक बड़ी चुनौती के तौर पर लेना चाहिए। छात्रों को कुछ समय गांवों में बिताना चाहिए। उन्हें स्वच्छ भारत आदि राष्ट्रीय महत्व की योजनाओं में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए। छात्र समाज व राष्ट्र के बारे में सोचें।
इस मौके पर उत्तराखंड के राज्यपाल डॉ. कृष्ण कांत पाल ने कहा ,” विद्यार्थियों का चरित्र निर्माण, क्लास रूम में होता है और वहीं से राष्ट्र निर्माण भी होता है। हमारी शिक्षण संस्थाओं और विश्वविद्यालयों को विभिन्न सम-सामयिक चुनौतियों में सकारात्मक भूमिका निभानी होगी, विश्वविद्यालय कैंपस में ‘मेक इन इंडिया’ पॉलिसी का प्रमोशन होना चाहिए।”
समारोह में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने छात्रों से कहा, ” किसी भी प्रकार का ज्ञान तभी मूल्यवान है, जब वह इस पृथ्वी पर मनुष्यमात्र के कल्याण व विकास का साधन बनता है। हमारे प्राचीन गंथों में ज्ञान को महत्वपूर्ण बताता गया है। आज का युग तकनीक का युग है, इसलिए नित नए परिवर्तनों के अनुसार खुद को ढालने के लिए आप तैयार रहें।”