हिमाचल में सेब की पैदावार घटने की संभावना
शिमला, 13 जुलाई (आईएएनएस)| हिमाचल के स्वादिष्ट सेब की पैदावार पर इस साल फिर मौसम की बेरुखी की मार पड़ी है। सरकार का अनुमान है कि मौसम अनुकूल नहीं रहने से सेब की पैदावार घट सकती है।
वानिकी विभाग के हालिया सर्वेक्षण के मुताबिक, राज्य में इस साल 4.36 लाख टन यानी 20 किलोग्राम की 2.18 करोड़ पेटी सेब का उत्पादन हो सकता है, जोकि लगातार दूसरे साल औसत उत्पादन 2.5 करोड़ पेटी से कम है। पिछले साल 2017-18 में हिमाचल प्रदेश में 2.23 करोड़ पेटी सेब का उत्पादन हुआ था।
वानिकी निदेशक एम. एल. धिमान ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, इस सीजन में पूरे प्रदेश में सेब की फसल खराब है और पैदावार घटने की मुख्य वजह मौसम की बेरुखी है।
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों मौसम शुष्क रहने और हिमपात की कमी के कारण जमीन में नमी घट गई जिससे वसंत के दौरान फसल का विकास प्रभावित रहा।
उन्होंने कहा कि शिमला, कुल्लू और मंडी जिलों में 7,000 फुट ऊंची पहाड़ी इलाकों में फसल को नुकसान होने की रिपोर्ट है।
धिमान ने कहा, जमीन में नमी की कमी के चलते शुरुआती दौर में फलों का विकास रुक गया। अब मानसून की बारिश अच्छी होने से फलों के आकार में विकास होने में मदद मिली है।
किसानों और कारोबारियों का हालांकि कहना है कि इस सीजन में कुल मिलाकर उत्पादन सरकारी अनुमान से भी कम होने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि अधिक ऊंची पर्वत श्रंखलाओं पर स्थित बगीचे अप्रैल और मई के दौरान ओलावृष्टि से अप्रभावित रहे।
वानिकी विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अगैती वेरायटी की फसल की हार्वेस्टिंग शुरू हो चुकी है।
धिमान ने बताया, सेब की हार्वेस्टिंग अभी शुरू ही हुई है और अगस्त के मध्य तक यह जोर पकड़ेगी। बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत सेब की खरीद के लिए हम 15 जुलाई तक 279 संग्रह केंद्र स्थापित करने जा रहे हैं।
हिमाचल में सेब की पैदावार 2010-11 में सर्वाधिक 8.92 लाख टन हुई थी। इसके बाद 2015-16 में राज्य में 7.77 लाख टन सेब का उत्पादन हुआ था।