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राष्ट्रकवियों के संयुक्त विचारों के साथ संपन्न हुआ कवि सम्मेलन का तीसरा राष्ट्रीय अधिवेशन
आखिरी दिन कविता की विभिन्न विधाओं पर हुई चर्चा
कविता की विभिन्न विधाओं पर चर्चा के साथ कवि सम्मेलन का तीसरा राष्ट्रीय अधिवेशन समाप्त हुआ। राष्ट्रीय अधिवेशन के अंतिम दिन के प्रथम सत्र में कविसम्मेलन के अकादमिक पक्ष पर चर्चा हुई। तेज नारायण बेचैन ने विषय प्रवर्तन कर सभा को प्रारम्भ किया। वहीं डॉ सरिता शर्मा ने पुरज़ोर ढंग से मंचीय कवियों को अकादमिक रूप से शक्तिसम्पन्न होने की बात उठाई।
डॉ. सरिता शर्मा ने कहा कि मंच पर आने वाले कवियों को कविता की विभिन्न विधाओं का व्याकरणीय ज्ञान अवश्य प्राप्त कर लेना चाहिए जिससे वो साहित्यिक रूप से भी मजबूत हो सकें।