सत्या माइक्रो कैपिटल ने 9 राज्यों में 13 नई शाखाएं खोलीं
नई दिल्ली,, 9 जुलाई (आईएएनएस)| तेजी से बढ़ रहे भारतीय माइक्रो फाइनेंसिंग समूहों में से एक सत्या माइक्रो कैपिटल ने अपनी वृद्धि की तेज रफ्तार को बरकरार रखते हुए 9 राज्यों में 13 नई शाखाओं को लांच किया है, जिसके साथ ही उसकी 11 राज्यों में कुल शाखाओं की संख्या बढ़कर 55 हो गई है।
कंपनी ने उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश और असम जैसे राज्यों के विभिन्न जिलों में शाखाएं शुरू की हैं।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि पश्चिम बंगाल, असम, ओडिशा और हिमाचल प्रदेश में शाखाओं के लांच ने सत्या माइक्रो कैपिटल को इन राज्यों में प्रवेश करने में सफलता दिलाई है और इन राज्यों में कंपनी ने उद्यमियों और छोटे व्यवसायियों को ऋण तक आसान पहुंच के जरिये आजीविका में सक्षम बनाने में मदद करने की योजना बनाई है।
सत्या माइक्रो कैपिटल लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी विवेक तिवारी ने बताया, हमारा उद्देश्य वर्ष 2015 तक ग्रामीण और अर्ध-शहरी बाजारों दोनों में 50 लाख परिवारों की मदद करना है और यह लक्ष्य लगातार विस्तार और पूरे देश में मजबूत उपस्थिति के जरिये ही हासिल हो सकता है। इन स्थानों पर अपनी नई शाखाओं के लांच के साथ हमें उम्मीद है कि सत्या माइक्रो कैपिटल वहां उद्यमियों और समुदायों के लिए एक पसंदीदा ऋण प्रदाता के तौर पर पहचान बनाने में सक्षम होगी।
बयान में कहा गया कि सत्या माइक्रो कैपिटल लिमिटेड एक ऐसी एनबीएफसी-एमएफआई है जो छोटे उद्यमियों को मजबूत क्रेडिट एसेसमेंट और केंद्रीकृत मंजूरी प्रणाली के आधार पर कॉलेटरल-फ्री ऋण मुहैया कराती है। कंपनी ने ऋण मुहैया कराने और अदायगी सुनिश्चित करने के लिए विशेष लिमिटेड लायबिलिटी ग्रुप (एलएलजी) मॉडल को अपनाया है। कंपनी का जेएलजी मॉडल प्रत्येक ग्रुप सदस्य के बीच ऋण वितरित करता है जो साप्ताहिक संग्रह के तहत 10 किश्तों तक के लिए होता है। इस मॉडल के जरिय कंपनी आधुनिक प्रौद्योगिकी को माइक्रो फाइनेंस इंडस्ट्री में समेकित कर उधारी को महत्वपूर्ण बनाना चाहती है।
कंपनी ने बताया कि सत्या माइक्रो कैपिटल ने हाल में 1 लाख उद्यमियों को ऋण मुहैया कराने की उपलब्धि हासिल की है। 2018 के जून तक कंपनी ने पूरे भारत में छोटे उद्यमियों को ऋण के तौर पर 300 करोड़ रुपये वितरित किए। इस कंपनी की शुरुआत 2016 के अक्टूबर में हुई थी और अपनी स्थापना के दो वर्ष से भी कम समय में कंपनी ने यह उपलब्धि हासिल की है।