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मेंथा ऑयल की मांग में तेजी से कीमतों में उछाल

नई दिल्ली, 9 जून (आईएएनएस)| मेंथा ऑयल के अनुबंध पर एमसीएक्स द्वारा अतिरक्ति मार्जिन लगाए जाने से सोमवार को शुरुआती कारोबार में कीमतों में उतार-चढ़ाव रहा, मगर बाद में उद्योग की मजबूत मांग और कुछ जगहों पर बारिश के चलते आपूर्ति प्रभावित होने से वायदा सौदों में दोबारा जोरदार तेजी लौटी और सक्रिय तीन महीने के अनुबंधों में चार फीसदी का अपर सर्किट लग गया।

हाजिर कारोबारियों के अनुसार, मेंथा ऑयल की आपूर्ति इस साल मांग के मुकाबले कम है, इसलिए कीमतों में मजबूती बनी हुई है।

अपराह्न् 3.36 बजे मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर मेंथा ऑयल का चालू महीने का वायदा अनुबंध 55.30 रुपये यानी चार फीसदी की तेजी के साथ 1438 प्रति किलोग्राम था। इससे पहले 1424.10 पर खुलने के बाद वायदा 1398.40 तक फिसला।

वहीं, अगस्त डिलीवरी सौदा 56 रुपये यानी चार फीसदी की तेजी के साथ 1457 प्रति किलोग्राम था। सितंबर डिलीवरी वायदा अनुबंध भी 56.60 रुपये यानी चार फीसदी की तेजी के साथ 1472 रुपये प्रति किलोग्राम पर था।

बाराबंकी में सोमवार को मेंथा ऑयल में 1650-1700 रुपये प्रति किलोग्राम पर कारोबार हुआ। स्थानीय कारोबारी आलोक ने बताया कि पिछले कारोबारी सत्र के मुकाबले 100 रुपये की तेजी आई है।

उन्होंने कहा कि उद्योग की मांग तेज है, जबकि आपूर्ति बहुत कम है, इसलिए मेंथा में तेजी देखी जा रही है।

एक्सचेंज ने मेंथा ऑयल के सभी मौजूदा या चालू अनुबंधों की लिवाली या विकवाली पर 10 फीसदी का अतिरिक्त मार्जिन लगा दिया है, जो सोमवार के कारोबार से ही लागू है।

केडिया कमोडिटी के निदेशक विजय केडिया ने आईएएनएस को बताया कि अतिरिक्त मार्जिन लगने के कारण मेंथा वायदा तेज खुलने के बाद शुरुआती कारोबार में थोड़ा फिसला, लेकिन बारिश की वजह से आपूर्ति कमजोर रहने से फिर तेजी आ गई।

गौरतलब है कि मेंथा ऑयल के प्रमुख उत्पादक क्षेत्र उत्तर प्रदेश के रामपुर, संभल, बाराबंकी और चंदौसी हैं।

मेंथा ऑयल का उपयोग इत्र, दवाई, टूथपेस्ट, दर्द निवारक मरहम जैसे अनेक उत्पादों में होता है। भारत प्राकृतिक मेंथा ऑयल का दुनिया में प्रमुख उत्पादक है।

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