इंडस्ट्रियल एरिया की नौकरियों में स्थानीय कोटा तय हो : योगेंद्र
रेवाड़ी, 8 जुलाई (आईएएनएस)| स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने रेवाड़ी जिले की फैक्टरियों और उद्योगों में स्थानीय युवाओं के लिए एक कोटा नियत करने की मांग उठाई।
उन्होंने स्वराज यात्रा के दौरान कहा कि किसानों की जमीन जबरदस्ती छीन कर बने इंडस्ट्रियल एरिया में स्थानीय नागरिकों को रोजगार के वायदे किए गए थे, लेकिन वे वायदे पूरे नहीं हुए। योगेंद्र ने कहा है, सच यह है कि यहां के उद्योग स्थानीय युवाओं को नौकरी देने से परहेज करते हैं। बाहर के मजदूरों का शोषण करना आसान होता है और उसे कभी भी बिना कारण बताए नौकरी से निकाला जा सकता है। इसके चलते अधिकांश उद्योगों में श्रम कानूनों की धज्जियां उड़ रही हैं।
रेवाड़ी में चल रही स्वराज यात्रा रविवार को अपने आठवें दिन धारूहेड़ा इंडस्ट्रियल एरिया के नजदीक से गुजरी। आज यात्रा को मनरेगा अधिकार दिवस के रूप में मनाया गया। रविवार को यात्रा खरखड़ा गांव से शुरू होकर चौदह गांवों की यात्रा करते हुए भगवानपुर गांव में समाप्त हुई।
ज्ञात हो कि रेवाड़ी जिले के उद्योगों में दो लाख 35 हजार नौकरियां हैं। योगेंद्र यादव ने कहा, उद्योगपति चाहें तो प्रबंधक और इंजीनियर जैसी विशेषज्ञ नौकरियों को इस कोटे से बाहर रखा जा सकता है, लेकिन कम से कम दो लाख नौकरियों पर तो स्थानीय लोगों का हक बनता है।
उन्होंने मनरेगा के ढीले क्रियान्वयन पर भी चिंता व्यक्त की। पिछले वर्ष रेवाड़ी जिले में मनरेगा के तहत केवल 23 दिन प्रति कार्ड की मजदूरी दी गई थी, जो राष्ट्रीय औसत से आधी है। मनरेगा योजना को सुचारु रूप से चलने के लिए इसके तहत मिलने वाली मजदूरी को बढ़ाने की जरूरत है।
योगेंद्र ने कहा, भारत में ग्रामीण मजदूरों के अस्तित्व से मनरेगा जुड़ा हुआ है। मनरेगा कई सामाजिक संगठनों के दशकों के संघर्ष का प्रतिफल है, पर पिछले कुछ वर्षो में मनरेगा को लगातार कमजोर करने की कोशिश की जाती रही हैं। स्वराज इंडिया अपने गठन के शुरुआत से ही मनरेगा के कानून सम्मत क्रियान्वयन के लिए हर स्तर पर संघर्षशील रहा है, चाहे वह सर्वोच्च न्यायालय में मनरेगा मजदूरों के हक की कानूनी लड़ाई हो या सड़क पर मनरेगा मजदूरों के लिए संघर्ष करना हो। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए स्वराज यात्रा का एक पूरा दिन मनरेगा मजदूरों के अधिकार पर समर्पित किया गया।
जय किसान आंदोलन के संयोजक अविक साहा ने कहा, अगर सही नीयत और नीति हो तो गांव, किसान और मजदूर की हालत सुधर सकती है। इस यात्रा की पांच मुख्य मांगें हैं : किसानों को फसल का पूरा दाम, किसानों की पूर्ण कर्ज मुक्ति, मजदूरों को उनकी पूरी मजदूरी, जोहड़ों का संरक्षण व नशा मुक्ति।
बयान के अनुसार, नौ दिवसीय स्वराज यात्रा सोमवार को चिल्हर अड्डा गांव में पहुंचकर सम्पन्न होगी। इस यात्रा का मूल दर्शन यह है कि गांव और किसान सिर्फ हमारा अतीत नहीं, हमारा भविष्य भी हैं।
यात्रा को समाज के हर उम्र के लोगों का उत्साहपूर्ण समर्थन मिला। अब तक खेती-किसानी व गांव की तस्वीर बदलने के लिए 804 लोगों ने स्वराज योगी के रूप में शपथ ली।