संघीय ढांचे के खिलाफ है एक साथ लोकसभा-विधानसभा का चुनाव : तेदेपा
नई दिल्ली, 8 जुलाई (आईएएनएस)| तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) ने रविवार को लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के विचार का विरोध किया और कहा कि यह प्रस्ताव अव्यावहारिक और संघीय ढांचे व संविधान की भावना के खिलाफ है।
पार्टी सासंद के. रविंद्र कुमार ने कहा, संविधान के मुताबिक, यह असंभव और अव्यावहारिक है। एक साथ चुनाव के लिए कुछ राज्य सरकारों के कार्यकाल में वृद्धि या कमी करना संघीय ढांचे और संविधान की भावना के खिलाफ है।
एक साथ चुनाव के प्रस्ताव पर विधि आयोग की बैठक में उपस्थित होने के बाद रविंद्र कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि किसी सरकार के कार्यकाल में बदलाव संविधान और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत वैध नहीं है।
उन्होंने कहा, हमने विधि आयोग को एक अभिवेदन दिया है, जिसमें जिक्र किया गया है कि एक साथ चुनाव कराने के बहाने केंद्र सरकार क्षेत्रीय दलों की स्वतंत्रता को कम करने व उन सरकारों की शक्तियों को कम करने के लिए जोरदार प्रयास कर रही है, जहां क्षेत्रीय दल शासन कर रहे हैं।
रविंद्र कुमार ने यह भी कहा कि यह प्रस्ताव संविधान के तहत जायज नहीं है। उन्होंने कहा कि संविधान में संशोधन करने का कोई भी प्रयास देश के संघीय ढांचे को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करेगा।
उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद एक के मुताबिक देश राज्यों का एक संघ है और केंद्र सरकार एक साथ चुनाव करने के बहाने राज्य के अधिकारों में कटौती नहीं कर सकती।