भारत की विकास दर जल्द ही दोहरे अंकों में होगी : बीएसई प्रमुख
मंबई, 8 जुलाई (आईएएनएस)| बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के शीर्ष अधिकारी का कहना है कि वैश्विक बाजार में उतार-चढ़ाव और बैंकिग क्षेत्र की खराब हालत के बावजूद भारत में समष्टिगत आर्थिक परिदृश्य काफी सकारात्मक है और जल्द ही देश की विकास दर दोहरे अंकों में होगी।
बीएसई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक आशीष चौहान ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, बैंक के बही खातों की सफाई हो रही है और फंसे हुए कर्ज (एनपीए) की भी पहचान पारदर्शी तरीके से की जा रही है। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) तथा ऋणशोधन अक्षमता व दिवाला संहिता (आईबीसी) जैसे विधायी सुधार से भारत जल्द दोहरे अंक में विकास दर हासिल करेगा।
चौहान के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था की मौजूदा शक्ति और विकास हाल ही में जारी जीडीपी के आंकड़ों में स्पष्ट हो गया है। उन्होंने कहा, दिसंबर 2016 से भारत की अर्थव्यवस्था में सबसे तेज प्रसार हुआ है क्योंकि सरकारी व्यय से आर्थिक विकास प्रेरित है।
उन्होंने कहा, आईबीसी के तहत चूककर्ता प्रमोटर अपनी कंपनियों से नियंत्रण खोने के डर के कारण कार्रवाई शुरू होने से पहले करीब 83,000 करोड़ रुपये के अपने बकाये को निपटाने के लिए तैयार हुए हैं।
उच्च ब्याज दर और तेल के दाम के कारण बाजार में उछाल कम होने से आईपीओ की आपूर्ति प्रभावित होने के सवाल पर चौहान ने कहा, वैश्विक स्तर पर भारतीय एक्सचेंज ने सबसे ज्यादा आईपीओ दर्ज किया है। 2018 की पहली छमाही में 90 आईपीओ लांच किए गए जिनसे 3.9 अरब की रकम जुटाई गई।
उन्होंने कहा कि बीएसई एसएमई प्लेटफॉर्म पर भी 254 सूचीबद्ध कंपनियों की बाजार पूंजी 21,000 करोड़ रुपये है। करीब 46 कंपनियों ने सूचीबद्ध करने के लिए दाखिले पेश किए हैं जिनमें से 20 एसएमई को मंजूरी मिल चुकी है। साल के अंत तक हमें उम्मीद है कि 300 एसएमई सूचीबद्ध होंगी। इसलिए आईपीओ बाजार में बीएसई के रुझान काफी सकारात्मक हैं।
उन्होंने बताया कि बीएसई ने अपने राष्ट्रीय स्तर की वितरण व्यवस्था के जरिये बीमा वितरण प्रदान करने की योजना बनाई है। बीएसई की व्यवस्था के तहत 3,000 से अधिक शहरों में 2,00,000 लोग जुड़े हैं।