IANS

लिंचिंग के दोषियों को माला पहनाने वाले मंत्री की विपक्ष ने निंदा की

नई दिल्ली, 7 जुलाई (आईएएनएस)| केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा द्वारा रामगढ़ लिंचिंग (पीट-पीट कर हत्या) मामले के दोषियों को कथित रूप से सम्मानित करने के लिए विपक्षी दलों ने शनिवार को उनपर निशाना साधा। वहीं मंत्री ने अपने कृत्य का बचाव करते हुए कहा कि उनका न्यायिक व्यवस्था में पूरा विश्वास है। ये सभी दोषी जमानत पर बाहर हैं। खबरों के मुताबिक, उच्च न्यायालय द्वारा दोषियों की उम्रकैद की सजा निलंबित कर उन्हें जमानत पर रिहा किए जाने के बाद एक स्थानीय भाजपा नेता उन्हें लेकर सिन्हा के आवास पर पहुंचा।

सिन्हा के कृत्य की निंदा करते हुए कांग्रेस ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा और उसपर सांप्रदायिक तनाव भड़काने का आरोप लगाया।

कांग्रेस ने एक ट्वीट में कहा, यह सिर्फ न्यू इंडिया में हो सकता है, जहां फांसी पर लटकाने के बजाए लोगों को मालाएं पहनाई जा रही हैं।

कांग्रेस ने कहा, भाजपा नीत केंद्र सरकार के मंत्री पहले दंगों के आरोपियों का सम्मान करते हैं और अब वे लिंचिंग के दोषियों को माला पहना रहे हैं। क्या मोदी सरकार सामाजिक अस्थिरता को तो प्रोत्साहित नहीं कर रही।

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने भारत के सामाजिक ताने-बाने को बिगाड़ने और घृणा की राजनीति का प्रचार करने के लिए भी भाजपा पर निशाना साधा।

उन्होंने एक ट्वीट में कहा, हमें यह देखने के लिए दूर जाने की आवश्यकता नहीं है कि कौन-सी विचारधारा हमारे सामाजिक ताने-बाने को बिगाड़ रही है। जब केंद्रीय मंत्री ही लिंचिंग के दोषियों को सम्मानित कर रहे हैं।

स्वराज इंडिया के संस्थापक और प्रसिद्ध वकील प्रशांत भूषण ने भी मंत्री पर निशाना साधा और प्रधानंमत्री नरेंद्र मोदी व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर हत्यारों को संरक्षण देने का आरोप लगाया।

हालांकि, सिन्हा ने अपने कृत्य का बचाव किया और कहा कि उन्हें देश की न्यायिक प्रणाली और कानून के शासन में पूर्ण विश्वास है। उन्होंने कहा कि उन्होंने स्पष्ट रूप से हिंसा के सभी कृत्यों की निंदा की, लेकिन उन्हें त्वरित अदालत के फैसले के बारे में गलतफहमी हुई, जिसमें प्रत्येक आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।

उन्होंने कहा, भारत के संवैधानिक लोकतंत्र में कानून का शासन सर्वोच्च है और किसी भी गैरकानूनी कृत्य, विशेष रूप से जो किसी भी नागरिक के अधिकारों का उल्लंघन करता हो, उसे कानून की पूर्ण शक्ति के साथ दंडित किया जाना चाहिए।

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