दिल्ली : सिग्नेचर ब्रिज परियोजना को पूरा करने की मंजूरी
नई दिल्ली, 6 जुलाई (आईएएनएस)| दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को सिग्नेचर ब्रिज को पूरा करने और दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीटीयू) के दो नए अकादमिक खंडों के निर्माण की दो नई परियोजना को मंजूरी दी।
व्यय वित्त समिति(ईएफसी) ने उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ एक बैठक में लोक निर्माण विभाग के वजीराबाद में सिग्नेचर ब्रिज पर निर्माण कार्य को पूरा करने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। पुल के निर्माण कार्य को पूरा करने में लगभग 1,518 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
सिसोदिया के कार्यालय से जारी बयान के अनुसार, पुल निर्माण परियोजना पर सीपीडब्ल्यूडी की रिपोर्ट पर विचार करने के बाद ईएफसी ने कुल संशोधित लागत की मंजूरी दी। पीडब्ल्यूडी ने पहले ही परियोजना के लिए डीटीटीडीसी को 1,380 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं।
इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अपर्याप्त फंड के कारण कई निर्धारित समयसीमा को चूकने के बाद अब सिग्नेचर पुल अक्टूबर तक बनकर तैयार हो जाएगा।
केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि दिल्ली सरकार ने सिग्नेचर पुल की अंतिम किश्त को मंजूरी दे दी है और अब ‘कोई भी व्यवधान नहीं बचा है।’
सिग्नेचर पुल परियोजना को 1997 में मंजूरी मिली थी। यह परियोजना संकरे वजीराबाद पुल में एक दुर्घटना के बाद अस्तित्व में आई थी, जहां एक स्कूल बस यमुना में गिर गई थी। इस दुर्घटना में 22 बच्चे मारे गए थे।
अपर्याप्त फंड की वजह से इस परियोजना में कई वर्षो की देरी हुई है।
परियोजना का खर्च भी 1100 करोड़ रुपये से बढ़कर 1575 करोड़ रुपये हो गया, जो कि लोक निर्माण विभाग के लिए एक बड़ी चिंता का कारण बन गया। विभाग ने परियोजना के लिए अब तक 1,244 करोड़ रुपये जारी किए हैं।
परियोजना की संकल्पना 2004 में की गई थी और इसके लिए दिल्ली कैबिनेट से 2007 में मंजूरी मिली थी। इसके लिए पहली समयसीमा 2010 में दिल्ली कॉमनवेल्थ खेलों से पहले तय की गई थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 2013 कर दिया गया।
परियोजना की समयसीमा फिर से बढ़ाकर जून 2016 तक कर दी गई और उसके बाद जुलाई 2017 और फिर इसे बढ़ाकर दिसंबर 2017 कर दिया गया।
675 मीटर लंबा और 35.2 मीटर चौड़ा यह पुल देश का पहला केबल आधारित पुल है, जो यमुना नदी के ऊपर से वजीराबाद को जोड़ेगा।
ईएफसी ने डीटीयू में फेज-2 के अंतर्गत दो और खंडों के निर्माण की मंजूरी दी है।
अधिकारिक बयान के अनुसार, ईएफसी ने प्रशिक्षण और प्रौद्योगिकी शिक्षा निदेशालय के उन प्रस्तावों को मंजूरी दे दी, जिसमें शाहाबाद दौलतपुर, बवाना रोड स्थित डीटीयू के फेज-2 के तहत पहले चरण में 292 करोड़ की लागत से निर्माण को मंजूरी दी गई है।
बयान के अनुसार, इस परियोजना के तहत, 10 तल के दो अकादमिक खंड और 13 तल के तीन छात्रावास खंड बनाने की मंजूरी दी गई है।
बयान के अनुसार, परियोजना पूरी हो जाने के बाद, यहां अकादमिक खंड में 38,00 छात्र पढ़ सकेंगे और छात्रावास में 990 छात्र रह सकेंगे।
समिति ने योजना पूरी करने के लिए 6 जुलाई 2018 से 19 महीनों का समय तय किया है।
पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येन्द्र जैन, पीडब्ल्यूडी, वित्त और प्रौद्योगिकी शिक्षा के सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में मौजूद थे।