इसरो ने यात्री बचाव प्रणाली का परीक्षण किया
चेन्नई, 5 जुलाई (आईएएनएस)| अंतरिक्ष के लिए अपने मानव मिशन लक्ष्य की दिशा में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गुरुवार को अंतरिक्ष यात्री बचाव प्रणाली (क्रू इस्केप सिस्टम) की श्रृंखला का पहला परीक्षण किया।
इसरो ने एक बयान में कहा कि मानव अंतरिक्ष उड़ान के लिए यात्री बचाव प्रणाली बेहद महत्वपूर्ण है।
इसरो ने कहा, यह लॉन्च के असफल होने की स्थिति में अंतरिक्ष यात्रियों के साथ क्रू मॉड्यूल को जल्दी से परीक्षण यान से निकालकर सुरक्षित दूरी पर ले जाने की एक प्रणाली है।
इसरो के अनुसार, प्रथम परीक्षण (पैड निष्फल परीक्षण/पैड अबॉर्ट टेस्ट) में लॉन्च पैड पर किसी भी जरूरत पर क्रू सदस्यों को सुरक्षित बचाने की क्रियान्वयन को दिखाया गया।
इसरो के अनुसार, पांच घंटों की उल्टी गिनती सुचारु रूप से हुई। इसके बाद यात्री बचाव प्रणाली ने श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सुबह सात बजे 12.6 टन की क्षमता वाले कृत्रिम क्रू मॉड्यूल के साथ उड़ान भरी।
परीक्षण का समय 259 सेकंड रहा, जिस दौरान यात्री बचाव प्रणाली ने अंतरिक्ष में ऊंची उड़ान भरी और बंगाल की खाड़ी में वृत्ताकार घूमते हुए अपने पैराशूट्स से पृथ्वी पर वापस लौट आई।
परीक्षण उड़ान के दौरान लगभग 300 सेंसर ने विभिन्न मिशन प्रदर्शन मानकों को रिकॉर्ड किया।