राजस्व संग्रह वृद्धि में जीएसटी की कम दरों की अहम भूमिका : जेटली
नई दिल्ली, 1 जुलाई (आईएएनएस)| केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत निम्न दरों का सबसे महत्वपूर्ण प्रभाव यह है कि प्रत्यक्ष कर से भी राजस्व संग्रह में वृद्धि हो रही है, जिससे नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के तहत दरों को आगे फिर तर्कसंगत बनाया जा सकता है।
जीएसटी को लागू हुए एक साल पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम को वीडियो के माध्यम से संबोधित करते हुए जेटली ने कहा कि इनपुट टैक्स क्रेडिट मैकेनिज्म से आयकर का भी समुचित खुलासा सुनिश्चित हुआ है, जिससे प्रत्यक्ष कर संग्रह में भी वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा, पहली तिमाही में हम देख रहे हैं कि अग्रिम व्यक्तिगत आयकर में 44 फीसदी, कॉरपोरेट कर में 17 फीसदी की वृद्धि हुई है।
जेटली ने कहा, जब हम पहले नौ महीनों में जीएसटी का प्रदर्शन देखते हैं तो कुल 8.2 लाख करोड़ रुपये की राशि का संग्रह हुआ है, जबकि वार्षिक संग्रह 11 लाख करोड़ रुपये है। इस तरह अप्रत्यक्ष कर से प्राप्त राजस्व में 11.9 फीसदी की वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा, उपभोक्ताओं के लिए दर कम होने के बावजूद कर संग्रह में 1.2 फीसदी की वृद्धि हुई है, जो पहले अज्ञात था।
जेटली ने कहा कि जीएसटी से कर संग्रह में वृद्धि होने पर कर दरों के चार स्लैब को फिर तर्कसंगत बनाया जाएगा। सरकार का मकसद अधिकांश मदों को 28 फीसदी के स्लैब से निकालकर निचले कर स्लैब में लाने का है।
कार्यक्रम में वित्त सचिव हसमुख अधिया ने बताया कि जीएसटी से जून में 95,610 करोड़ रुपये राजस्व संग्रह हआ, जोकि पिछले वित्त वर्ष 2017-18 के मासिक औसत 89,885 करोड़ रुपये से ज्यादा है।
इससे पहले मई महीने में जीएसटी से राजस्व संग्रह 94,016 करोड़ रुपये हुआ था।