IANS

हिमाचल की नजर 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने पर

शिमला, 1 जुलाई (आईएएनएस)| हिमाचल प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार ने 2022 तक राज्य के किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से कई परियोजनाओं की शुरुआत की है।

सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा, तीन सिंचाई परियोजनाओं, जल से कृषि को बल योजना, प्रवाह सिंचाई योजना और सौर सिंचाई योजना को इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए क्रमश: 250 करोड़,150 करोड़, 200 करोड़ रुपये की लागत से लांच किया गया है।

उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई परियोजना के अंतर्गत, 111 लघु सिंचाई योजना की नई इकाइयों को 338 करोड़ रुपये के बजटीय प्रावधान के साथ गठित किया गया है। केंद्रीय सहायता के तहत 49 करोड़ रुपये की इसकी पहली किश्त पहले ही मिल चुकी है।

इसके अलावा, पहाड़ी क्षेत्रों में लघु सिंचाई परियोजना के तहत 277 करोड़ रुपये को अलग रखा गया है।

प्रवक्ता ने कहा, राज्य ने पहले ही सिंचाई सुविधाओं को मजबूत करने और पुराने सिंचाई व पीने के पानी के स्रोत के मरम्मत के लिए केंद्र सरकार के पास 800 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को भेजा है।

प्रवक्ता ने कहा, सरकार ने सिंचाई के लिए बिजली दर को भी 1 रुपया प्रति यूनिट से घटाकर 75 पैसे प्रति यूनिट कर दिया है, जिससे लाखों किसानों को फायदा होगा।

उन्होंने कहा, कैबिनेट ने ‘प्राकृतिक खेती-कौशल किसान’ परियोजना को लागू करने के लिए दिशानिर्देशों को मंजूरी दे दी है। इसके अंतर्गत प्राकृतिक खेती से किसानों की आय बढ़ेगी और इसके कार्यान्वयन के लिए 25 करोड़ रुपये के प्रावधान किए गए हैं।

प्रवक्ता के अनुसार, यह परियोजना प्राकृतिक कृषि को नई दिशा प्रदान करेगी और किसान रसायनिक खादों का प्रयोग कम करने के लिए उत्साहित होंगे।

राज्य ने फल एवं सब्जी उत्पादन के दायरे में और क्षेत्रों को शामिल करने का निर्णय लिया है।

मौजूदा समय में, जापान अंतर्राष्ट्रीय सहकारी एजेंसी राज्य को फसल विविधीकरण परियोजना के अंतर्गत मंडी, कांगड़ा, बिलासपुर, उना जिले के किसानों के सामाजिक-आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए 321 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान कर रही है।

अब, इस योजना का दूसरा चरण 1000 करोड़ रुपये की लागत के साथ 12 जिलों में लागू किया जाएगा।

हिमाचल प्रदेश ऐसा राज्य है, जहां इसकी आबादी के 89.96 प्रतिशत लोग ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं और अन्य प्रदेशों की तुलना में इनकी निर्भरता खेती और बागबानी में ज्यादा होती है।

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