दुनिया में जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों पर खरा उतर रहा भारत : केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय
जलवायु लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रौद्योगिकी और धन की काफी जरूरत
भारत जलवायु संबंधी लक्ष्यों को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है, मगर इसके लिए प्रौद्योगिकी और धन की जरूरत है। भारत के एक अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि उनका देश अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण समझौते के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए लगातार काम कर रहा है।
केंद्रीय पर्यावरण सचिव सीके मिश्रा ने कहा कि भारत पूरी दुनिया में जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण संबंधी चुनौतियों की गंभीरता को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत ने ग्लोबल एनवायरमेंट फैसिलिटी (जीईएफ) के नए निवेश चक्र में अपने 1.5 करोड़ डॉलर के योगदान में 25 फीसदी का इजाफा करने का फैसला किया है।
सी. के. मिश्रा यहां आयोजित जीईएफ के छठे सम्मेलन के समापन पर आयोजित सभा को संबोधित कर रहे थे। चार साल पर आयोजित होने वाले इस सम्मेलन में इस बार दुनियाभर से 1,000 से अधिक प्रतिनिधि पहुंचे थे।
भारत में नगरों के टिकाऊ विकास के लिए जीईएफ कोष का प्रवाह बढ़ाने का पक्ष लेते हुए उन्होंने कहा, हम टिकाऊ शहरी कार्यक्रम के जरिए वायु गुणत्ता समेत शहरों की दशा सुधारने के लिए देशों की मदद की अपेक्षा करते हैं। जीईएफ के चार साल के नए निवेश चक्र को जीईएफ-7 कहा गया है
जीईएफ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए बना एक साझा संगठन है, और इसमें 183 देशों के अलावा अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, सिविल सोसायटी के संगठन और निजी क्षेत्र मिलकर वैश्विक पर्यावरण संबंधी मसलों के समाधान के लिए काम करते हैं। ॉ
” हमारा मानना है कि हिमालय के बायोम पर दुनिया की नजर होनी चाहिए, क्योंकि यह दुनिया में जैवविविधता के जाने-माने केंद्रों में शामिल है और यह महत्वपूर्ण भी है।” सीके मिश्रा ने आगे कहा।