पहाड़ी संस्कृति से सराबोर है ‘उत्तराखंड का जन इतिहास लोक संस्कृति एवं समाज’ ग्रंथ
प्रदेश की संस्कृति, परम्पराओं, कृषि और लोक गीतों को संजोकर रखना बहुत ज़रूरी - सीएम
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ‘उत्तराखंड का जन इतिहास लोक संस्कृति एवं समाज’ भगत सिंह कोश्यारी (भगत दा) अभिनन्दन ग्रंथ का विमोचन किया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा, ” श्री कोश्यारी की सरलता व सहजता से हम सभी अवगत है। उनका जीवन संघर्षमय रहा है श्री कोश्यारी के स्वस्थ व सुखद जीवन की कामना की है। उन्होंने आशा व्यक्त कि की श्री कोश्यारी हमारा मर्गदर्शन करते रहेंगे।”
मुख्यमंत्री रावत ने इस मौके पर कहा कि इस ग्रंथ में राज्य की संस्कृति, परम्पराओं, कृषि, लोक गीत व विविध ऐतिहासिक घटनाओं का समावेश किया गया है। हमें अपनी पहचान अपनी संस्कृति को संजोकर रखना बहुत ज़रूरी है। समय-समय पर ऐसे ग्रंथ लिखे जाने चाहिए व साहित्य रचा जाना चाहिए, जिससे हमारी आने वाली पीढ़ी अपनी समृद्ध, सांस्कृतिक विरासत, परम्पराओं व गौरवमय इतिहास से परिचित हो सके।
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि हमें जल संरक्षण के प्रति ध्यान देने की आवश्यकता है। सरकार द्वारा एक घंटे में एक लाख पौधे लगाए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि देहरादून में रिस्पना व अल्मोड़ा में कोसी नदी के पुनर्जीविकरण के क्षेत्र में कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने जैन हिल्स, जलगांव, महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुए कहा कि जलगांव में सप्ताह में दो दिन पीने का पानी मिलता है। वहां पर न सर्फेस वाटर है न ग्राउंड वाटर है। वर्षा भी लगभग हमारे राज्य के मुकाबले कम है। उन्होंने कहा कि वहां वर्षा के जल का संचय किया जाता है।