भिक्षावृति में फंसे असहाय बच्चों को शिक्षा देगी उत्तराखंड सरकार
गढ़वाल व कुमाऊॅं में पंतजलि के सहयोग से बनेगा संस्कृत आवासीय विद्यालय
उत्तराखंड में घुमंतू व भिक्षावृति में फंसे बच्चों को शिक्षा से जोड़कर कर उनको अच्छा भविष्य प्रदान करने के लिए उत्तराखंड सरकार उनका दाखिला सरकारी आवासीय स्कूलों में करवाएगी। प्रदेश के विद्यालयी शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने सचिवालय में शिक्षा विभाग के कार्यों की प्रगति की समीक्षा की है।
इस समीक्षा बैठक के दौरान विद्यालयी शिक्षा मंत्री ने सभी जिलाधिकारियों से दूरभाष पर डीआईसी और सीआईसी के गोदामों में गत वर्ष जमा की गई किताबों के सरकारी विद्यालयों में वितरण की जानकारी ली। उन्होंने जिलाधिकारियों को डीआईसी एव सीआईसी के गोदामों से विद्यालयों को ससमय किताबे न दे पाने के लिए जिम्मेदारी कार्मिकों/अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश दिए हैं।
विद्यालयी शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को प्रदेशभर के सभी सरकारी स्कूलों में एक ही रंग की वर्दी लागू करने का प्रस्ताव बनाने को कहा। इसके साथ ही पांडेय ने विद्यालयों में प्राथमिकता के आधार पर जलापूर्ति, शौचालयों की उपलब्धता, बिजली आपूर्ति, घूमन्तू, अनाथ व भिक्षावृति करने वाले असहाय बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था, विद्यालयों की भवन व अन्य निर्माण कार्यों की गुणवता व भवन निर्माण कार्यों का वर्तमान की आवश्यकता के अनुसार होना, विद्यायली भूमि का समुचित उपयोग, विद्यालयी भवनों में सोलर रूफटाॅप लगाने की पहल के निर्देश दिए।
विद्यालयी शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने सख्त निर्देश दिए कि राजीव गांधी विद्यालयों और राज्य के संसाधनों से संचालित अन्य अवासीय विद्यालयों में भोजन की ई-ट्रेडिंग एक ही तारीख को पूरे प्रदेश में एक समय पर की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि राजीव नवोदय विद्यालयों में दाखिले के समय ऐसे छात्र-छात्राओं को प्राथमिकता दी जाएगी,जिन्होंने कम से कम तीन वर्ष सरकारी प्राथमिक विद्यालयो में शिक्षा ग्रहण की हो।
शिक्षा विभाग, उत्तराखंड के मुताबिक एनसीईआरटी की पुस्तके लागू के होने के बाद से प्रदेशभर के सरकारी विद्यालयों में छात्रों के दाखिले की संख्या 50,000 से बढ़कर 85,000 तक की हो गई हैं।
उत्तराखंड में एक शिक्षिका के विरूद्ध सोशल मीडिया पर अश्लील पोस्ट मामले में शिक्षा विभाग के एक कार्मिक की संलिप्तता को गंभीरता से लेते हुए विद्यालयी शिक्षा मंत्री ने उक्त कार्मिक पर तुरंत कड़ी विभागीय कार्यवाही करने के साथ ही पुलिस कार्रवाई के निर्देश दिए।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा उत्कृष्ट अध्यापकों को सम्मानित करने के लिए एक पुरस्कार चयन समिति गठित की जाए। यह समिति धरातल स्तर पर निरीक्षण कर अच्छा कार्य करने वाले अध्यापकों का चयन करेगी।
विद्यालयी शिक्षा मंत्री पाण्डेय ने निर्देश दिए कि शिक्षा विभाग के ऐसे शिक्षक जो दुर्गम क्षेत्रों या एक ही स्थान पर बीस वर्ष से अधिक सेवा दे रहे है, उनका स्थान्तरण शीघ्र से शीघ्र किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि अक्षयपात्र (स्कूलों के लिए क्रेन्दीकृत रसोई व भोजन आपूर्ति) की योजना के क्रियान्वयन में तेज़ी लाई जाए।
विद्यालयी शिक्षा मंत्री ने बताया कि गढ़वाल व कुमाऊॅं में पंतजलि के सहयोग से एक-एक संस्कृत आवासीय विद्यालय स्थापित किया जाएगा। राजकीय संस्कृत विद्यालयों की स्थिति में सुधार के लिए सुझाव देने हेतु आचार्य बालकृष्ण की अध्यक्षता में समिति गठित की जाएगी।