भारत को एआईआईबी से 9 परियोजनाओं में निवेश की अपेक्षा : गोयल
मुंबई, 25 जून (आईएएनएस)| केंद्रीय वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने भारत को निवेश का बेहतर ठिकाना बताते हुए सोमवार को कहा कि एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक (एआईआईबी) से भारत को नौ परियोजनाओं में निवेश की अपेक्षा है।
मीडिया से बातचीत में गोयल ने कहा कि भारत को पहले ही सात परियोजनाओं के लिए एआईआईबी से करीब 28 फीसदी यानी 1.4 अरब डॉलर की राशि मिल चुकी है।
एआईआईबी शहरी विकास और लॉजिस्टिक्स के अलावा ग्रामीण अवसंरचना, ऊर्जा व बिजली, पर्यावरण संरक्षण, परिवहन और दूरसंचार, जलापूर्ति और स्वच्छता को तवज्जो देता है।
गोयल ने कहा कि यह गौरव की बात है कि भारत को एआईआईबी से सबसे ज्यादा 4.2 अरब डॉलर का धन प्राप्त हुआ है।
उन्होंने कहा कि देश के अवसंरचना क्षेत्र में निवेश प्रवाह की वजह मजबूत रूपरेखा और नीतियां हैं।
मंत्री ने बताया कि किस प्रकार स्वच्छता सूचकांक में पिछले कुछ सालों में मुंबई का दर्जा ऊंचा हुआ है और बेहतर गुणवत्ता के जीवन के लिए शहर वैश्विक प्रयासों के साथ जुड़ा हुआ है।
उन्होंने भरोसा दिलाया कि प्रधानमंत्री की योजना के तहत 2022 तक देश के हर नागरिक का अपना आसियाना होगा, चौबीस घंटे बिजली मिलेगी, स्वच्छ पेयजल मिलेगा और उनके घर तक सड़क और इंटरनेट का संपर्क होगा।
इससे पहले एआईआईबी के 86 सदस्य देशों से आए प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए गोयल ने कहा कि महज तीन साल में भारत ने तीन प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय बहुपक्षीय बैंकों के सम्मेलन की मेजबानी की है, जिनमें न्यू डेवलपमेंट बैंक, अफ्रीकन डेवलपमेंट बैंक और एआईआईबी शामिल हैं।
एआईआईबी ने भारत के राष्ट्रीय निवेश एवं अवसंरचना कोष (एआईआईएफ) में 10 करोड़ डॉलर निवेश करने की घोषणा की।
इस रकम का इस्तेमाल भारत में विभिन्न विकास परियोजनाओं में किया जाएगा और यह एनआईआईएफ के कोष के प्रथम चरण के लिए होगा और और एआईआईबी दूसरे व अंतिम चरण के लिए भी 10 करोड़ डॉलर की राशि पर विचार कर रहा है।
एक आधिकारिक घोषणा के अनुसार, एआईआईबी भारत में कुल 20 करोड़ डॉलर निवेश करने को प्रतिबद्ध है।
एनआईआईएफ एक सहयोगी निवेश मंच है, जिसके माध्यम से वाणिज्यिक रूप से व्यावहारिक भारत की बुनियादी अवसंरचना से जुड़ी परियोजनाओं में निवेश करने के इच्छुक विदेशी व घरेलू निवेशक निवेश करते हैं।
एआईआईबी के उपाध्यक्ष और मुख्य निवेश अधिकारी डी. जे. पांडियन ने कहा, एनआईआईएफ में हमारे निवेश से भारत सरकार को मदद करने और इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश को प्रोत्साहित करने और विकास के लिए निजी पूंजी की व्यवस्था करने की दिशा में एआईआईबी की प्रतिबद्धता जाहिर होती है।
एआईआईबी के निवेश कारोबार के महानिदेशक, डोंग-इक ली ने कहा कि एनआईआईएफ उप-निधियों की एक विविधरंगी रेंज तक पहुंच सुलभ कराएगा और पूंजी आकर्षित करने में एक गुणात्मक प्रभाव पैदा करेगा।
उल्लेखनीय है कि 4.4 अरब डॉलर की कुल परियोजना पोर्टफोलियो के साथ भारत एआईआईबी की स्थापना से लेकर अबतक इस बैंक से सर्वाधिक ऋण लेने वाला देश है। बैंक की स्थापना ढाई साल पहले हुई थी।
यूरोप, उत्तर अमेरिका, पूर्व अफ्रीका और लैटिन अमेरिका सहित कुल 86 सदस्यीय इस बैंक की लगभग 75 प्रतिशत पूंजी एशिया से है।
मुंबई में सोमवार को को आयोजित एआईआईबी की तीसरी वार्षिक बैठक में अवसंरचना, नवाचार और सहयोग के मसलों पर चर्चा हुई।