डीजल, पेट्रोल के दाम में 2018 में बनी रहेगी नरमी : तनेजा
नई दिल्ली, 24 जून (आईएएनएस)| कच्चे तेल का उत्पादन 10 लाख बैरल रोजाना करने के ओपेक के फैसले के बावजूद अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बीते हफ्ते तेल के दाम में जबरदस्त तेजी आई और न्यूयार्क मर्केटाइल एक्सचेंज (नायमेक्स) पर शुक्रवार को अमेरिकी क्रूड यानी वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) का अगस्त वायदा 5.66 फीसदी उछाल के साथ 69.25 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ। हालांकि विशेषज्ञ का कहना है कि दाम में गिरावट आएगी और डीजल व पेट्रोल की कीमतों में और गिरावट आएगी।
ऊर्जा विशेषज्ञ नरेंद्र तनेजा ने आईएएनस से बातचीत में कहा कि आने वाले दिनों में दाम में गिरावट आने की पूरी उम्मीद है, जिससे भारत में कच्चे तेल का आयात सस्ता होगा और 2018 की दूसरी छमाही में डीजल व पेट्रोल की कीमतों में नरमी बनी रहेगी।
ओपेक (ऑगेर्नाइजेशन ऑफ पेट्राोलियम एक्सपोटिर्ंग कंट्ररीज) की वियना में हुई बैठक में शुक्रवार को कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाकर रोजाना 10 लाख बैरल करने का फैसला लिया गया। इस बैठक में ओपेक में शामिल 14 देशों के अलावा रूस समेत गैर-ओपेक तेल उत्पादक देशों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए थे।
नरेंद्र तनेजा ने कहा, ओपेक का फैसला अगर लागू होता है तो अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अल्पावधि में कच्चे तेल की कीमतें घटेंगी जिससे भारत में तेल का आयात सस्ता होगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 की दूसरी छमाही में डीजल और पेट्रोल की कीमतें नियंत्रण में रह सकती हैं, लेकिन कच्चे तेल की बढ़ती मांग के मद्देनजर आगे 2019 में कीमतों पर नियंत्रण रखना मुश्किल होगा।
ओपेके के फैसले के बाद हालांकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में शुक्रवार को जोरदार तेजी देखी गई। इस पर उर्जा विशेषज्ञ नरेंद्र तनेजा ने बताया कि ओपेक द्वारा की गई आधिकारिक घोषणा को अमल में लाने को लेकर अभी बाजार में संदेह की स्थिति बनी हुई है, इसलिए तेल के दाम में गिरावट के बजाय तेजी आई।
उन्होंने कहा, वजह साफ है कि तेल उत्पादक देशों के बीच सहमति पर असमंजस की स्थिति दूर नहीं हुई। तेल क्रेता और बिक्रेता कंपनियों को इस फैसले के लागू होने पर संदेह है इसलिए बैठक के बाद बाजार की प्रतिक्रिया फैसले के विपरीत देखने को मिली है।
न्यूयार्क मर्केटाइल एक्सचेंज (नायमेक्स) पर शुक्रवार को अमेरिकी क्रूड यानी वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) का अगस्त वायदा 5.66 फीसदी उछाल के साथ 69.25 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ।
वहीं, इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) पर ब्रेंट क्रूड का अगस्त वायदा 3.78 फीसदी की बढ़त के साथ 75.81 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ।
विदेशी बाजारों से तेजी के संकेत मिलने से भारतीय वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर भी कच्चे तेल के भाव में जोरदार तेजी दर्ज की गई। एमसीएक्स पर जुलाई वायदा 179 रुपये यानी 3.98 फीसदी की बढ़त के साथ 4,675 रुपये प्रति बैरल पर बंद हुआ जबकि वायदा सौदा 4,506 रुपये पर खुलने के बाद 4,488 रुपये तक फिसला था।
उन्होंने बताया भारत में कच्चे तेल की रोजाना खपत 45 लाख बैरल है जिसका 83 फीसदी आयात किया जाता है और भारत द्वारा कुल आयातित कच्चे तेल का 83 फीसदी आयात ओपेक देशों से होता है। ऐसे में अगर ओपेक और रूस की अगुवाई में सहयोगी देश अगर कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाता है तो निस्संदेह अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में कमी आएगी जिसका फायदा भारत को मिलेगा।
नरेंद्र तनेजा ने कहा कि कच्चे तेल के भाव में कमी आएगी मगर 2015-206 की स्थिति की वापसी नहीं हो सकती जब तेल का भाव अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 30 डॉलर प्रति बैरल के आसपास आ गया था।
तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में शनिवार को पेट्रोल की कीमतें क्रमश: 75.93 रुपये, 78.61 रुपये, 83.61 रुपये और 78.80 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमतें क्रमश: 67.61 रुपये, 70.16 रुपये, 71.87 रुपये और 71.36 रुपये प्रति लीटर दर्ज की गई।