‘देवभोग प्रसाद योजना और प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना से बढ़ेगा देवभूमि में स्वरोजगार’
राष्ट्रीय एससी/एसटी हब स्टेट कॉनक्लेव में शामिल हुए सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत चतुर्थ एक दिवसीय राष्ट्रीय एससी/एसटी हब स्टेट कॉनक्लेव में केन्द्रीय राज्यमंत्री सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम गिरिराज सिंह और केन्द्रीय राज्यमंत्री वस्त्र अजय टमटा की उपस्थिति में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए।
इस मौके पर मुख्यमंत्री रावत ने कहा ,” राष्ट्रीय एससी/एसटी हब स्टेट कॉनक्लेव स्वालम्बन की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। अगर युवा स्वालम्बी बनने का संकल्प ले लेते हैं, तो सभी रास्ते स्वयं बनने लगते है। आत्मनिर्भरता आत्मविश्वास को बढ़ाती है। स्वरोजगार, स्वालम्बन व आत्मविश्वास के लिए महत्वपूर्ण है।” उन्होंने आगे कहा कि युवाओं को मात्र सरकारी नौकरियों की मानसिकता से बाहर निकलना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर कौशल विकास द्वारा युवाओं के सशक्तीकरण का कार्य प्रभावी रूप से हो रहा है।
राज्य में चल रही देवभोग प्रसाद योजना के बारे में बताते हुए सीएम ने कहा कि उत्तराखंड में मौजूदा समय में देवभोग प्रसाद योजना के अंतर्गत अभी तक केदारनाथ में सवा करोड़ रूपए तक का प्रसाद की बिक्री हो चुकी है। जो महिलाएं व महिला स्वयं सहायता समूह देवभोग प्रसाद बनाने से जुड़ी हैं, उनके आर्थिक व सामाजिक सशक्तिकरण का मार्ग भी खुला है। स्थानीय जड़ी-बूटियों व उत्पादों पर आधारित पूजा सामग्री तैयार की दिशा में जल्द ही आरम्भ किया जाएगा।
इस मौके पर केन्द्रीय राज्यमंत्री सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम गिरिराज सिंह ने कहा, ” भारत सरकार की सभी योजनाओं का लाभ व सहयोग राज्य सरकार को दिया जा रहा है। 18 अक्टूबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाब में एससी-एसटी हब कॉन्क्लेव का शुभारम्भ किया। छोटे-छोटे शिल्पकारों व हेरिटेज को चिन्हित किया गया है और उनके लिए कॉमन फैसिल्टी सेन्टरस स्थापित किए जा रहे हैं।”
केन्द्रीय कपड़ा मंत्रालय की मदद से गांवों में ही रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। इसमें पीएमईजीपी में भी बीस प्रतिशत एससी/एसटी वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है। बैंको से कॉलेटरल लॉन के लिए 7500 करोड़ का कॉरपस फंड बनाया गया है।
” हमारे शिल्पकार व कई परम्परागत कार्यों से जुड़े लोगो का स्वरोजगार व ग्रामीण जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है। हमें अपने परम्परागत शिल्प व उद्यमों को सरंक्षित व पोषित करने की आवश्यकता है। हमारा सामाजिक ताना-बना एक दूसरे से जुड़ा है। सीमान्त क्षेत्रों मे पलायन रोकने में परम्परागत कार्यों से जुड़े में लोगो की महत्वपूर्ण भूमिका है।” केन्द्रीय राज्यमंत्री वस्त्र अजय टमटा ने आगे बताया।