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उत्तराखंड में ओक तसर विकास परियोजना से बढ़ाया जाएगा रेशम उत्पादन

रेशम उद्योग बनेगा उत्तराखंड में किसानों की कमाई का नया ज़रिया

उत्तराखंड में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ‘‘ओक तसर विकास परियोजना’’ (टीएसपी) की शुरूआत की। यह परियोजना केन्द्रीय रेशम बोर्ड, वस्त्र मंत्रालय के सहयोग से चलाई जा रही है।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने रेशम कीड़ों की आपूर्ति के लिए राज्य सरकार की ओर से एक करोड़ रूपए सहायता और उत्तराखंड में रेशम के ओक तसर रिसर्च सेंटर के लिए भूमि उपलब्ध कराने की घोषणा की। हिमांचल प्रदेश की तरह ही उत्तराखंड में भी रेशम के कीड़ों के लिए किसानों के लिए धनराशि की व्यवस्था किए जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने रेशम विभाग की पुस्तक व फोल्डर का भी विमोचन किया।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा,” ओक तसर विकास परियोजना से रेशम उद्योग से जुड़े किसानों को रोजगार के नए आयाम जुड़ेंगे। प्रदेश में रेशम उत्पादन में वृद्धि होने से किसानों के लिए अतिरिक्त आय का ज़रिया बन सकता है। उत्तराखंड में बॉंज प्राकृतिक रूप से अत्यधिक मात्रा में पैदा होता है।”

उन्होंने आगे बताया कि बाँज पर्यावरण एवं पानी के श्रोत विकसित करने लिए बहुत उपयुक्त है। मणिपुरी बाॅज के पौध उत्तराखंड में लगाना लाभप्रद होगा। इस बाॅंज की ग्रोथ भी अच्छी है व इसकी पत्तियां कोमल भी होती हैं। मैदानी जनपदों में रेशम उत्पादन में कमी आई है, रेशम के उत्पादन वृद्धि करने के लिए अधिक प्रयासों करने की ज़रूरत है।

उत्तराखंड में टेक्सटाइल के क्षेत्र में देश के निर्यात में 18 से 22 प्रतिशत सिल्क का निर्यात भारत करता है। देश में सिल्क उत्पादन में वृद्धि के लिए निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं। कोसी के पुनर्जीवीकरण के लिए 500 हेक्टेयर वन पंचायत की भूमि पर बाँज का रोपण किया जाना है। इस रोपण में मणिपुरी बाँच के पौधे अधिक लगाए जाएंगे।किसान सिल्क की खेती से अच्छी आय अर्जित कर सकते हैं। सिल्क उत्पादन के लिए किसानों को प्रशिक्षित किया जाएगा।

केन्द्रीय वस्त्र राज्य मंत्री अजय टम्टा ने कहा, ” इस महत्वाकांक्षी परियोजना से राज्य में रेशम उत्पादन में वृद्धि होगी। देश में सिल्क का उत्पादन लगभग 33 हज़ार मीट्रिक टन है। उत्तराखंड में मलबरी सिल्क का उत्पादन अभी 33 मीट्रिक टन है, जिसे 55 मीट्रिक टन किये जाने का लक्ष्य रखा गया है।”

” पर्वतीय क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में कृषि भूमि उपलब्ध है वहां पर भी ओक व मलबरी के पौध रोपण कर किसान रेशम उत्पादन कर आय में वृद्धि कर सकते हैं। ओक एवं मलबरी के उत्पादन में वृद्धि के लिए कास्तकारों व रेशम विभाग को प्रयास करने होंगे।” मुख्यमंत्री रावत ने आगे कहा।

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