Main Slideराजनीतिराष्ट्रीय

‘भाजपा राज में आतंकी कम, नागरिक ज्यादा मरे’

केंद्र सरकार की दमनकारी नीति का नुकसान आम जनता को हुआ - गुलाम नबी आज़ाद

जम्मू एवं कश्मीर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के साथ गठबंधन की सरकार से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अलग होने और राज्य में आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के केंद्र सरकार के वादे पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार की दमनकारी नीति का सबसे ज्यादा नुकसान आम जनता को भुगतना पड़ता है।

एक आतंकी को मारने के लिए 13 नागरिकों को मार दिया जाता है। आजाद जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। एक  समाचार चैनल से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि हाल के आंकड़ों पर गौर करें तो सेना की कार्रवाई नागरिकों के खिलाफ ज्यादा और आंतकियों के खिलाफ कम हुई है।

घाटी में हालात बिगड़ने का मुख्य कारण यह है कि मोदी सरकार बातचीत करने की अपेक्षा कार्रवाई करने में ज्यादा यकीन रखती है। ऐसा लगता है कि वे हमेशा हथियार इस्तेमाल करना चाहते हैं।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ।

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा, कार्रवाई को ऑपरेशन ऑल आउट कहना, यह स्पष्ट बताता है कि वे बड़े जनसंहार की योजना बना रहे हैं। गौर करने वाली बात है कि वे यह नहीं कहते कि इस मसले को बातचीत के जरिए हल किया जाएगा। जबकि पूरी दुनिया ने देखा कि अमेरिका और उत्तर कोरिया ने अपने मसले बातचीत से हल किए।

आतंकियों द्वारा अगवा कर मारे गए सेना के जवान शहीद औरंगजेब के परिवार से मिलने रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार को उनके घर पहुंची थीं। इस पर सवाल उठाते हुए आजाद ने कहा, औरंगजेब के घर ही क्यों गईं रक्षामंत्री? हिंदू शहीदों के घर क्यों नहीं गईं? एक महीने के अंदर 29 जवान शहीद हुए, उन सबके घर क्यों नहीं गईं? औरंगजेब के घर जाना महज पब्लिसिटी स्टंट है। हमारे हिंदू भाइयों में भी औरंगजेब जैसी जान है। सिर्फ दिखावा कर रही है मोदी सरकार।

उन्होंने कहा, कश्मीर की इस हालत के पीछे बड़ा कारण यह है कि जिस दिन से प्रधानमंत्री मोदी सत्ता में आए हैं, वो हमेशा एक्शन की बात करते हैं। इससे लगता है कि वह हमेशा बंदूक का उपयोग करना चाहते हैं। वह किसी संगठन या लोगों से बातचीत में यकीन नहीं रखते।

Tags
Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close