IANS

कश्मीर में जल्द चुनाव हो : उमर

श्रीनगर, 19 जून (आईएएनएस)| पूर्व मुख्यमंत्री व नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को जम्मू एवं कश्मीर में जल्द चुनाव कराने की मांग की।

उमर ने यह मांग पीपुल्ड डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अगुवाई वाली सरकार से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के समर्थन वापस लेने के बाद की है। भाजपा द्वारा समर्थन वापस लेने से मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को इस्तीफा देना पड़ा है।

राज्य की पीडीपी भाजपा सरकार के गिरने के बाद उमर ने राज्यपाल एन.एन. वोहरा से मुलाकात की और उसके बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत की।

उन्होंने कहा, आज अचानक करीब 2.30 बजे खबर आई कि भाजपा ने पीडीपी के साथ अपने सियासी रिश्ते तोड़ दिए हैं।

उन्होंने कहा, मैंने थोड़ी देर पहले राज्यपाल से मुलाकात की। मैंने राज्यपाल से कहा कि 2014 के चुनाव में नेशनल कांफ्रेंस के पास सरकार बनाने का जनादेश नहीं था और आज भी हमारे पास जनादेश नहीं है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, हम से किसी ने संपर्क नहीं किया है और हमने भी किसी पार्टी से राज्य में सरकार बनाने के लिए संपर्क नहीं किया है।

उन्होंने कहा, राज्यपाल के पास राज्यपाल शासन लगाने और स्थिति में सुधार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, ताकि नए चुनाव के बाद राज्य में एक लोकतांत्रिक सरकार का गठन किया जा सके।

उमर ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल को नेशनल कांफ्रेंस का सहयोग देने का भरोसा दिया है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि राज्यपाल और उनके प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जल्द चुनाव हो, ताकि उनके स्थान पर चुनी हुई सरकार आए।

उन्होंने कहा, एक जिम्मेदार राजनीतिक पार्टी के नाते राज्य के तीनों क्षेत्रों में शांति के लिए हम काम करेंगे।

भाजपा के सरकार से हटने के संभावित कारणों के बारे में पूछे जाने पर नेशनल कांफ्रेंस नेता ने कहा, मैं भाजपा के बारे में नहीं बोल सकता। इस फैसले की क्या वजह रही यह वही बता सकते हैं।

उन्होंने कहा, हां, मैं भाजपा के फैसले के समय को लेकर चकित हूं। मुझे उम्मीद थी कि यह इस साल के अंत में होगा, लेकिन हालात बिगड़ने के कारण यह जल्दी हो गया।

यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा ने एकतरफा फैसला लेकर पीडीपी को परेशान किया? अब्दुल्ला ने कहा, पीडीपी परेशान है या नहीं वे जानते होंगे, लेकिन मेरा मानना है कि भाजपा को पीडीपी को विश्वास में लेना चाहिए था।

उन्होंने कहा, लेकिन विभिन्न अंग अलग-अलग काम करते हैं। भाजपा कट्टरवाद का दावा करती है और जाहिर है उनके पास हमसे बेहतर सूचना है।

उन्होंने कहा, हमारा मानना है कि इन दोनों पार्टियों ने साथ मिलकर राज्य को पीछे धकेल दिया है।

अब्दुल्ला ने कहा कि राज्यपाल अपने व्यापक अनुभव से राज्य को मौजूदा संकट से बाहर निकालने में मदद कर सकते हैं।

उनकी पार्टी के पीडीपी को पहले समर्थन का प्रस्ताव दिए जाने के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, वह एक बार का प्रस्ताव था और उनके भाजपा के साथ हाथ मिलाने के बाद वह प्रस्ताव समाप्त हो गया।

राजनीतिक घटनाक्रम से उनकी पार्टी के खुश होने की बात पूछे जाने पर उन्होंने कहा, हम गठबंधन टूटने का जश्न नहीं मनाते। हम राज्य में लोकतंत्र की समाप्ति पर मातम कर रहे हैं।

क्या वह राज्यपाल से राज्य विधानसभा के निलंबन या इसे भंग किए जाने के लिए कहेंगे? अब्दुल्ला ने कहा कि यह राज्यपाल का विशेषाधिकार है, किसी अन्य का नहीं।

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