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मोदी, शाह व भागवत भारत की एकता की ‘ताकत’ जल्द समझेंगे : राहुल

नई दिल्ली, 11 जून (आईएएनएस)| कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव के संदर्भ में सोमवार को कहा कि पूरा विपक्ष एकजुट हो रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत आगामी छह से एक महीने में भारत की ‘मजबूती’ के बारे में जानेंगे।

राहुल ने कांग्रेस के पिछड़ा वर्ग विभाग के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, आज हमारा देश 2-3 भाजपा नेताओं और आरएसएस का गुलाम हो गया है। लेकिन, यह खुशी की बात है और इसे कोई इसे नहीं रोक सकता कि पूरा विपक्ष एकजुट हो रहा है..चाहे यह कांग्रेस हो या जनता दल हो..पूरा विपक्ष एकसाथ आ रहा है।

राहुल ने कहा, 6-7 महीनों या एक वर्ष में..मोदीजी, अमित शाहजी और मोहन भागवतजी भारत की एकता के गवाह बनेंगे। वे लोग समझेंगे कि भारत को तीन लोगों द्वारा नहीं चलाया जा सकता। केवल देश के लोग और युवा इसे चला सकते हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि डर की मनोविकृति लोगों को चुप रहने के लिए मजबूर कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के कुछ सांसदों ने उनसे कहा था कि कैसे वे लोग बोलने से, सदन में और यहां तक की पार्टी बैठकों में भी अपना विचार रखने से डरते हैं।

उन्होंने कहा, भाजपा के ओबीसी सांसद मेरे पास आए और कहा कि उन्हें बालने या अपने विचार को रखने की आजादी नहीं है। वे लोग संसद में बोलने से डरते हैं। भाजपा उनकी नहीं सुनती हैं, वे लोग केवल आरएसएस की सुनते हैं। न केवल वे लोग, सभी सांसद बोलने से डरते हैं।

राहुल ने कहा कि आरएसएस लोगों के बीच फूट डालने के काम में लगा हुआ है और इसकी कोशिश ओबीसी समुदाय में फूट डालने की है।

उन्होंने कहा कि देश के कामगारों और मजदूरों की उनके काम के लिए बहुत कम ही सराहना की जाती है।

उन्होंने कहा, आप कभी भी एक किसान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय में नहीं देखेंगे।

राहुल ने कहा कि जो सच में कठीन परिश्रम करते हैं, उन्हें पीछे धकेल दिया जाता है और उनके परिश्रम का लाभ किसी और को दे दिया जाता है।

उन्होंने कहा, जो दर्जी, कारपेंटर, धोबी का काम करते हैं, वे छिपे हुए हैं। वे कठिन परिश्रम करते हैं लेकिन फायदा किसी और के पास चला जाता है।

राहुल ने कहा, यह भारत की सच्चाई है। अगर आप भारत को समझना चाहते हैं, तो आपको एक चीज समझनी होगी–जो काम करते हैं, जो अपना खून-पसीना लगाते हैं, जिनके पास कौशल है, उन्हें भारत में कभी भी प्रतिफल नहीं मिलता।

उन्होंने कहा कि जब किसान, दलित, आदिवासी, ओबीसी और गरीब मोदी सरकार की उदासीनता से जूझ रहे थे, प्रधानमंत्री ने उद्योगपतियों को 2.5 लाख करोड़ रुपये दे दिए।

राहुल ने कहा, उन्होंने किसानों को एक भी रुपया नहीं दिया और उनके कृषि ऋण माफ नहीं किए। बैंक हमारे किसानों और छोटे उद्योग के लिए क्यों नहीं खुले हैं। ओबीसी समुदाय में कौशल की कोई कमी नहीं है, लेकिन उनके पास पूंजी का अभाव है।

उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री कहते हैं कि यहां कौशल की कमी है। यह झूठ है। ओबीसी समुदाय में कौशल की कोई कमी नहीं है। ये लोग बहुत प्रतिभाशाली होते हैं।

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