एमएमटीसी ने 2 लाख टन चीनी निर्यात के लिए मंगाए प्रस्ताव
नई दिल्ली, 10 जून (आईएएनएस)| चीनी उद्योग के लिए अच्छी खबर है कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के क्षेत्र में सार्वजनिक क्षेत्र में देश की सबसे बड़ी कंपनी एमएमटीसी ने दो लाख टन चीनी निर्यात के लिए घरेलू आपूर्तिकर्ताओं से प्रस्ताव मंगाए हैं।
बीते सप्ताह एमएमटीसी की ओर से जारी नोटिस के मुताबिक, निर्यातकों को सूचीबद्ध करने के लिए उनसे रुचि की अभिव्यक्ति (एक्सप्रेशन ऑफ इंटेरेस्ट-ईओआई) मंगवाई गई है जिसकी अंतिम तिथि 26 जून है।
एमएमटीसी ने एस और एम दोनों ग्रेड की सफेद चीनी के निर्यात के लिए प्रस्ताव मंगवाए हैं जोकि मानव के उपभोग के लिए उपयुक्त व बेहतर स्थिति में हो तथा 50 किलोग्राम के पॉलीप्रोपिलीन की बोरी हो। चीनी निर्यात के लिए एक से चार महीने की अवधि तय की गई है।
देश में इस साल खपत से अधिक चीनी की आपूर्ति होने से चालू चीनी उत्पादन व विपणन वर्ष 2017-18 (अक्टूबर-सितंबर) के शुरुआती आठ महीनों में घरेलू बाजार में चीनी के दाम में भारी गिरावट दर्ज की गई जिससे मिलों को घाटे का सामना करना पड़ा और उन पर किसानों के गो का बकाया बढ़कर करीब 22,000 करोड़ रुपये हो गया।
इस बीच सरकार ने किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करवाने के लिए 20 लाख टन चीनी निर्यात का कोटा तय करने के अलावा अन्य कतिपय उपाय किए जिसमें निर्यात शुल्क शून्य करने और आयात शुल्क 100 फीसदी करने के साथ-साथ मिलों को 55 रुपये प्रति टन के हिसाब से गो के लाभकारी मूल्य में मदद शामिल है।
पिछले हफ्ते सरकार ने नकदी के संकट से जूझ रहे चीनी उद्योग के लिए करीब 70 अरब रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की। साथ ही, 30 लाख टन चीनी का बफर स्टॉक तय करने के साथ-साथ हर महीने चीनी की बिक्री की सीमा तय की है।
भारत में चीनी की सालाना घरेलू खपत 250 लाख टन है और इस साल उत्पादन 320 लाख टन होने का अनुमान है। इसके अलावा पिछले साल का 40 लाख टन कैरीफॉर्वर्ड स्टॉक है। इस प्रकार कुल आपूर्ति 360 लाख टन है। ऐसे में अगले साल के लिए 110 लाख टन चीनी बची रह सकती है।