उत्तराखंड पुलिस बनी एवरेस्ट फतह करने वाली देश की पहली पुलिस टीम
माउंट एवरेस्ट फतह करने पर उत्तराखंड पुलिस के जवानों को मुख्यमंत्री ने किया सम्मानित
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड पुलिस दल के माउंट एवरेस्ट पर्वतारोहण अभियान, 2018 के सफल आरोहण पर सम्मानित किया है। माउंट एवरेस्ट पर्वतारोहण के लिए गए उत्तराखंड पुलिस के 15 सदस्यों के दल को मुख्यमंत्री ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
माउंट एवरेस्ट पर उत्तराखंड पुलिस दल के जिन आठ सदस्यों ने सफलतापूर्वक आरोहण किया उनमें से छह आरक्षी, एक निरीक्षक और एक मिनी फायरमैन शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने इन छह आरक्षियों को मुख्य आरक्षी के पद पर पदोन्नति एवं निरीक्षक और मिनी फायरमैन को एक-एक वैयक्तिक वेतन वृद्धि की घोषणा की।
माउंट एवरेस्ट आरोहण के लिए गए दल को पांच लाख रूपए देने की घोषणा भी की। जिन आरक्षियों को पदोन्नति दी जाएगी उनमें विजेन्द्र प्रसाद काला, मनोज जोशी, सूर्यकान्त उनियाल, विजेन्द्र कुड़ियाल, प्रवीण सिंह, योगेश रावत शामिल हैं। जबकि निरीक्षक संजय उप्रेती व मिनी फायरमैन रवि चैहान को वेतन वृद्धि दी जाएगी।
इस मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, ” उत्तराखंड पुलिस दल ने माउंट एवरेस्ट पर सफल आरोहण कर एक ऐतिहासिक कार्य किया है। उत्तराखंड पुलिस का दल देश का ऐसा पहला पुलिस दल है, जिसने माउंट एवरेस्ट पर सफल आरोहण किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश को अनुभवी और हिम्मत वाले जवानों की हमेशा आवश्यकता रहेगी।”
उन्होंने आगे कहा कि उत्तराखंड पर्वतीय राज्य होने के साथ ही आपदा के दृष्टि से संवेदनशील राज्य है। राज्य में आपदा प्रबन्धन के लिए तकनीक के विकास के साथ ही प्रशिक्षित लोगों का होना जरूरी है। इसके लिए राज्य सरकार हर सम्भव प्रयास कर रही है।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने उत्तराखण्ड पुलिस दल को माउंट एवरेस्ट पर सफल आरोहण पर बधाई देते हुए कहा कि जवानों के दृढ़ निश्चय एवं आत्मविश्वास की वजह से अभियान सफल रहा। उत्तराखंड में कार्य करने के लिए अपार सम्भावनाएं हैं, यहां के लोगों में बहुत क्षमता है।
” सीमित संसाधन होने के बावजूद भी उत्तराखण्ड पुलिस दल ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर आरोहण कर प्रदेश एवं उत्तराखंड पुलिस का गौरव बढ़ाया है। ऐसे साहसिक अभियान के बाद जवानों को जो अनुभव प्राप्त हुए हैं, उससे निश्चित रूप से भविष्य में फायदा होगा।” पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी ने बताया।